फोटोकॉपी के नाम पर गबन (फोटो- सोशल मीडिया)
Madhya Pradesh Panchayat scam: मध्य प्रदेश का शहडोल जिला एक बार फिर भ्रष्टाचार के एक अनोखे मामले को लेकर सुर्खियों में है। यहां एक ग्राम पंचायत में दो पन्नों की फोटोकॉपी कराने के लिए 4 हजार रुपये का बिल पास कर दिया गया। इस बिल को देखकर हर कोई हैरान है कि आखिर दो पन्नों की फोटोकॉपी इतनी महंगी कैसे हो सकती है। सरपंच और सचिव की मिलीभगत से इस बिल का भुगतान भी हो चुका है और अब यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह पूरा मामला शहडोल जिले की जयसिंहनगर जनपद पंचायत की कुदरी ग्राम पंचायत का है। यहां ‘राज फोटोकॉपी सेंटर एवं डिजिटल स्टूडियो’ के नाम से एक बिल बनाया गया, जिसमें दो पेज की फोटोकॉपी की कीमत 2 हजार रुपये प्रति पेज बताई गई। इस तरह कुल 4 हजार रुपये का बिल तैयार किया गया। हैरानी की बात यह है कि सरपंच चंद्रवती देवी और सचिव गुलाब सिंह ने इस बिल पर अपनी मुहर लगाकर इसे मंजूरी दे दी और राशि का भुगतान भी कर दिया गया, जबकि आमतौर पर एक फोटोकॉपी की कीमत महज 1 से 2 रुपये होती है।
जब इस अजीबोगरीब बिल के बारे में सरपंच चंद्रवती देवी से बात की गई तो उन्होंने मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, “मुझे इस बिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सचिव ने जैसे बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, मैंने कर दिए। मैं इस बारे में अधिकारियों से बात करूंगी।” वहीं, कुदरी पंचायत के वर्तमान सचिव हेमराज कहार ने बताया कि यह भुगतान उनके कार्यकाल में नहीं हुआ है और उन्हें पंचायत में आए कुछ ही दिन हुए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि बिल बनाने में गलती हुई होगी, जहां दर की जगह मात्रा और मात्रा की जगह दर लिख दिया गया है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों को इस गलती को पकड़ना चाहिए था।
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मध्य प्रदेश में फ़ोटो कॉपी करवाना बहुत महंगा है भईया !
₹2000 प्रति पेज का रेट है।
यकीन नहीं हुआ?
प्रदेश के शहडोल ज़िले में जनपद पंचायत जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत कुदरी में दो पन्ने की फोटो कापी के लिए ₹4000 का भुगतान हुआ।
और बिल पास भी हो गया।
यह वहीं ज़िला है जहां 4 लीटर… pic.twitter.com/CMTTznnO4D
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) August 28, 2025
जिस दुकान के नाम से यह बिल जारी हुआ, उसके संचालक अनिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि ग्राम पंचायत के दस्तावेजी काम उनकी दुकान से ही होते हैं, लेकिन उन्हें याद नहीं कि 2 हजार रुपये प्रति कॉपी के हिसाब से किस दस्तावेज का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि इसकी सही जानकारी पंचायत ही दे पाएगी। गौरतलब है कि शहडोल जिले में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां एक घंटे की बैठक में 14 किलो ड्राई फ्रूट्स खाने और 4 लीटर पेंट से पुताई के लिए 1.07 लाख का बिल पास कराने जैसे मामले सामने आ चुके हैं, जो सरकारी पैसों के दुरुपयोग की एक बड़ी तस्वीर पेश करते हैं।
(नोट- नवभारत इस खबर की पष्टि नहीं करता है यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट के आधार पर बनाई गई है।)