वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है।
IAF Chief AP Singh Viral Fake News : सोशल मीडिया पर इन दिनों भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख एपी सिंह के इस्तीफे को लेकर एक फर्जी लेटर तेजी से वायरल हो रहा है। इस लेटर में दावा किया गया है कि सात राफेल और एक तेजस विमान खोने के बाद एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
वायरल पोस्ट में इस लेटर को “ब्रेकिंग न्यूज” की तरह पेश किया जा रहा है, जिससे लोगों में भ्रम फैल गया। कई पाकिस्तानी अकाउंट ने तो इस फर्जी लेटर को बड़े पैमाने पर शेयर करते हुए इसे सच बताने की कोशिश की।
लेटर में 28 नवंबर 2025 की तारीख लिखी है और इसे रक्षा मंत्री को संबोधित बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों में वे अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकते। (अर्काइव)
‼️Big Breaking
After losing 7 Rafale and 1 Tejas, the IAF Chief has RESIGNED! @IAF_MCC #India #IAF pic.twitter.com/rkjElVeVlR — Anastasia Ana (@ana_reborn94) November 28, 2025
पड़ताल में यह दावा पूरी तरह गलत पाया गया। पड़ताल की शुरुआत में हमने सबसे पहले भारतीय वायुसेना की आधिकारिक वेबसाइट की जांच की, जिसमें अभी भी एपी सिंह का नाम एयर चीफ मार्शल के रूप में दर्ज है।
अगर वाकई एयरफोर्स चीफ इस्तीफा देते, तो यह खबर देशभर की बड़ी मीडिया संस्थाओं में प्रमुखता से दिखाई देती, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने भी स्पष्ट रूप से बताया कि यह लेटर पूरी तरह फर्जी है और इसमें लिखी गई बातें बिल्कुल झूठी हैं।
Pakistani propaganda accounts are circulating a letter claiming that the Indian Air Force (IAF) Chief AP Singh has resigned after losing 7 Rafale and 1 Tejas. #PIBFactCheck ❌This letter is #fake 🚨The claims being made in the letter are baseless and are a part of an… pic.twitter.com/BID362IJew — PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 28, 2025
भारत सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेक एजेंसी PIB Fact Check ने भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस लेटर को “फेक” घोषित किया। PIB ने कहा कि यह लेटर न तो भारतीय वायुसेना द्वारा जारी किया गया है और न ही इसमें लिखा कोई दावा सच है।
इसे पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार (प्रोपेगैंडा) का हिस्सा बताया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे भ्रामक संदेशों पर विश्वास न करें और किसी भी जानकारी की सत्यता चेक करने के लिए आधिकारिक स्रोतों का ही पालन करें।
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हमारी पड़ताल और भारत सरकार की एजेंसी के हवाले से साफ होता है कि वायरल लेटर पूरी तरह फर्जी है। हाल के दिनों में सैन्य अधिकारियों से जुड़े कई फर्जी लेटर और डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाए जा चुके हैं, जिनका फैक्ट चेक कर हमने सच बताया।