अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक खास पहल करते हुए अयोध्या की दीवारों और पीतल की प्लेटों पर राम मंदिर निर्माण के 500 साल के संघर्ष और इतिहास को उकेरा है। यह पहल श्रद्धालुओं को मंदिर निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा से परिचित कराएगी, जिसमें राम जन्मभूमि मंदिर को लेकर लोगों के आंदोलन, बलिदान और कानूनी संघर्षों का जिक्र है। यात्री सुविधा केंद्र पर यह जानकारी लगाई गई है, जिससे अयोध्या आने वाले श्रद्धालु मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी और ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जान सकेंगे। इसके बारे में बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक करपात्री महाराज ने कहा कि यह जो इतिहास लिखा गया है ये सराहनीय काम है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में 22 दिसंबर 1949 को भगवान श्रीराम ने साक्षात दर्शन दिए थे। उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं। 500 सालों में न जाने कितने लोग चले गए और शहीद हुए उनके बारे में यहां लिखा गया है। जो कि बहुत ही सराहनीय काम है।
अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक खास पहल करते हुए अयोध्या की दीवारों और पीतल की प्लेटों पर राम मंदिर निर्माण के 500 साल के संघर्ष और इतिहास को उकेरा है। यह पहल श्रद्धालुओं को मंदिर निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा से परिचित कराएगी, जिसमें राम जन्मभूमि मंदिर को लेकर लोगों के आंदोलन, बलिदान और कानूनी संघर्षों का जिक्र है। यात्री सुविधा केंद्र पर यह जानकारी लगाई गई है, जिससे अयोध्या आने वाले श्रद्धालु मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारी और ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जान सकेंगे। इसके बारे में बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक करपात्री महाराज ने कहा कि यह जो इतिहास लिखा गया है ये सराहनीय काम है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में 22 दिसंबर 1949 को भगवान श्रीराम ने साक्षात दर्शन दिए थे। उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं। 500 सालों में न जाने कितने लोग चले गए और शहीद हुए उनके बारे में यहां लिखा गया है। जो कि बहुत ही सराहनीय काम है।