बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रण इस बार पारिवारिक टकरावों के चलते बेहद दिलचस्प हो गया है। कई सीटों पर परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। सबसे चर्चित मुकाबला मोतिहारी में है, जहां RJD उम्मीदवार देवा गुप्ता के सामने उनकी ही पत्नी और मेयर प्रीति कुमारी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़ी हैं। प्रीति इसे “विरोधियों को भ्रमित करने की रणनीति” बता रही हैं। वहीं, पूर्वी चंपारण की चेरैया सीट पर RJD के वरिष्ठ नेता लक्ष्मी नारायण यादव का मुकाबला उनके अपने बेटे लालू प्रसाद यादव से है, जो अलग दल से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, पूर्व सांसद अरुण कुमार के परिवार के तीन सदस्य (बेटा ऋतुराज, भाई अनिल कुमार और भतीजा रोमित कुमार) NDA के टिकट पर तीन अलग-अलग सीटों (घोसी, टिकारी, अतरी) से मैदान में हैं। यह पारिवारिक टकराव बिहार की राजनीति में वंशवाद और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के नए समीकरण पेश कर रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रण इस बार पारिवारिक टकरावों के चलते बेहद दिलचस्प हो गया है। कई सीटों पर परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। सबसे चर्चित मुकाबला मोतिहारी में है, जहां RJD उम्मीदवार देवा गुप्ता के सामने उनकी ही पत्नी और मेयर प्रीति कुमारी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़ी हैं। प्रीति इसे “विरोधियों को भ्रमित करने की रणनीति” बता रही हैं। वहीं, पूर्वी चंपारण की चेरैया सीट पर RJD के वरिष्ठ नेता लक्ष्मी नारायण यादव का मुकाबला उनके अपने बेटे लालू प्रसाद यादव से है, जो अलग दल से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, पूर्व सांसद अरुण कुमार के परिवार के तीन सदस्य (बेटा ऋतुराज, भाई अनिल कुमार और भतीजा रोमित कुमार) NDA के टिकट पर तीन अलग-अलग सीटों (घोसी, टिकारी, अतरी) से मैदान में हैं। यह पारिवारिक टकराव बिहार की राजनीति में वंशवाद और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के नए समीकरण पेश कर रहा है।






