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Kedar Nath Heli Service fair Increased: अब गुप्तकाशी से केदारनाथ आने-जाने का किराया 12,444 रुपये होगा, जबकि फाटा से यह 8,900 रुपये और सिरसी से 8,500 रुपये तय किया गया है। पहले इन स्थानों से यात्रा का खर्च लगभग 6,500 से 8,500 रुपये के बीच था, इस लिहाज से श्रद्धालुओं को अब प्रति टिकट चार से पांच हजार रुपये अधिक चुकाने होंगे। यह बढ़ी हुई दरें 15 सितंबर से लागू होंगी, बशर्ते कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इसकी अंतिम मंजूरी दे दे।
बढ़ी दरों के साथ-साथ यात्रा को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए भी कई तकनीकी कदम उठाए जा रहे हैं। UCADA के सीईओ आशीष चौहान ने बताया कि हेलिकॉप्टर सेवाओं में इस बार तकनीकी उन्नयन किया जाएगा। चारधाम क्षेत्रों में अब ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे, जिससे मौसम की स्थिति की रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा सुरक्षा बढ़ाने के लिए पीटीजीडी कैमरे, एटीसी, वीएचएफ सेट और सिलोमीटर जैसे उपकरण भी लगाए जा रहे हैं।
हेली उड़ानों की निगरानी के लिए देहरादून के सहस्त्रधारा और सिरसी में दो कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। इसके साथ ही ग्राउंड स्तर पर 22 प्रशिक्षित ऑपरेटरों की टीम भी तैनात की जाएगी, जो उड़ानों की सुरक्षा और संचालन पर लगातार नजर रखेगी।
हेली सेवाओं में यह बदलाव हाल के वर्षों में हुए हेलिकॉप्टर हादसों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। बद्रीनाथ और गंगोत्री मार्ग पर हुई घटनाओं के बाद DGCA ने राज्य सरकार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई, जिसकी अध्यक्षता गृह सचिव शैलेश बगौली ने की। समिति की सिफारिशों के आधार पर ही यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है।
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इन बदलावों से एक तरफ हवाई यात्रा अब अधिक सुरक्षित और बेहतर मानी जा रही है तो दूसरी ओर किराए में हुई इस बड़ी बढ़ोतरी से आम श्रद्धालुओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। खासकर वे श्रद्धालु जो स्वास्थ्य कारणों या उम्रदराज होने की वजह से पैदल यात्रा नहीं कर सकते, उनके लिए यह खर्च जरूरी लेकिन भारी पड़ सकता है। फिर भी प्रशासन का मानना है कि नई तकनीकों और निगरानी तंत्र से हेली सेवा पहले से अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित होगी।