सोनप्रयाग में लैंडस्लाइड (सोर्स- सोशल मीडिया)
देहरादून: बारिश की वजह से उत्तराखंड में लगातार तबाही मची हुई है और इसी बीच केदारनाथ यात्रा पर एक बार फिर कुदरत ने ब्रेक लगा दी है। सोनप्रयाग-मुनकटिया के बीच भूस्खलन की घटना सामने आई है। जिसके चलते 40 श्रद्धालु फंस गए, लेकिन SDRF ने उनको सुरक्षित निकाल लिया है।
जानकारी के मुताबिक देर रात सोनप्रयाग और मुनकटिया के बीच लैडस्लाइड के चलते अचानक मलबा आ गया, जिसकी वजह से श्रद्धालु यहां फंस गए। इस घटना के बाद केदारनाथ यात्रा एक बार फिर अस्थायी तौर पर रोक दी गई है।
इतना ही नहीं हाईवे ध्वस्त होने के बाद SDRF और NDRF ने रास्ता बनाकर फंसे 40 लोगों को सुरक्षित निकाला। इस घटना की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें आप देख सकते हैं कि किस तरह लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
#WATCH रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड: श्री केदारनाथ धाम से लौटते समय सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में फंसे करीब 40 श्रद्धालुओं को SDRF ने बचाया।
केदारनाथ धाम के रास्ते में सोनप्रयाग के पास देर रात अचानक मलबा गिर गया, जिसके कारण केदारनाथ धाम से लौट रहे 40 से अधिक तीर्थयात्री कल रात करीब 10… pic.twitter.com/WzMg9KyAAV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2025
केदारनाथ यात्रा के दौरान हर साल जुलाई महीने में ऐसी भूस्खलन की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसकी वजह से उत्तराखंड सरकार और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ भी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। इतना ही नहीं, कई बार अत्यधिक बारिश या भूस्खलन की घटनाओं के कारण केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक भी दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि श्रद्धालु ऐसी घटनाओं से खुद को बचा सकें और सतर्क रह सकें।
दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के चौथे दिन भी सिलाई बैंड से आगे वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई। वहां पैदल आवाजाही सुचारू है, लेकिन उसमें अभी भी खतरा बना हुआ है। बुधवार को स्यानाचट्टी और जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
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साथ ही, घटना में लापता सात लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ की ओर से खोजी कुत्तों की मदद ली गई। सिलाई बैंड के पास बादल फटने और ओजरी में नाले के उफान पर आने से वहां यमुनोत्री हाईवे की करीब 20 से 25 मीटर सड़क बह गई। वहीं, सिलाई बैंड में मलबे और पानी के तेज बहाव में सात लोग बह गए और लापता हो गए।