
चार धाम उत्तराखंड (सोर्स-सोशल मीडिया)
देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भुकुंट भैरव के कपाट बंद होने के बाद अब उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। अन्नकूट के खास मौके पर मंदिर के कपाट बंद किए गए हैं। कपाट बंद होने की जानकारी मंदिर समिति के पदाधिकारी ने दी है। हर-हर गंगे, जय-जय गंगे के जयकारों के बीच गंगा मैया के गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद किए गए। इस मौके पर हवन-पूजन का भी आयोजन किया गया। यह मंदिर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
हर साल शीतकाल के आगमन से पहले हिमालय में स्थित केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद पूरी शीतकाल तक यहां कोई भी श्रद्धालु दर्शन के लिए नहीं आता है। गढ़वाल हिमालय में स्थित केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के आगमन से पहले बंद होने के बाद अगले साल श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे।
यह भी पढ़ें:- NGT को सौंपी रिपोर्ट में हुआ खुलासा, उत्तराखंड में नहीं है वनाग्नि को रोकने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा
गंगोत्री मंदिर के कपाट अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। भैयादूज के पर्व पर गंगा जी की डोली यात्रा मुखबा पहुंचेगी। जहां शीतकाल में श्रद्धालु गंगा जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगें।#GangotriDham pic.twitter.com/1V2mOPRCjH — DIPR_USNagar (@DIPR_USNagar) November 2, 2024
उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की मूर्ति को पालकी में बिठाकर मुखबा के लिए रवाना किया गया। यहां शीतकाल भर उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी। आज दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर मुहूर्त के अनुसार गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
यह भी पढ़ें:- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्राचीन मां पूर्णागिरि मंदिर के जीर्णोद्धार का किया शिलान्यास
यमुनोत्री मंदिर और बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट तीन नवंबर को पूरे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा बदरीनाथ धाम के कपाट सबसे आखिर में 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। गंगोत्री मंदिर में दर्शन के लिए आठ लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। दूर-दूर से श्रद्धालु मां गंगोत्री के दर्शन के लिए उत्तरकाशी पहुंचते हैं। अब 2025 में दोबारा कपाट खुलने के बाद उनके दर्शन किए जा सकेंगे।






