चमोली एवलांच
देहरादून: उत्तराखंड के उंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फवारी के बीच चमोली जिले में बदरीनाथ के पास सीमांत माणा गांव में शुक्रवार सुबह हिमस्खलन होने से वहां फंसे सीमा सड़क संगठन के 57 मजदूरों में से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, शाम पांच बजे तक बदरीनाथ धाम से छह किलोमीटर आगे हिमस्खलन में फंसे 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है जबकि शेष बचे 25 अन्य को निकालने की कार्रवाई चल रही है।
On the Chamoli avalanche, the Uttarakhand Disaster Management Department says,” By 5:00 pm, 32 people had been rescued safely. The process of evacuating the remaining 25 people is in progress. Relief and rescue work is going on on a war footing to rescue people trapped in the… https://t.co/UPqsze75ph
— ANI (@ANI) February 28, 2025
जानकारी दें कि, माणा और बदरीनाथ के बीच में स्थित बीआरओ के मजदूरों के कैंप पर करीब सवा सात बजे हिमस्खलन हुआ था जिससे मजदूर बर्फ में दब गए थे । घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया ।
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On Chamoli avalanche, Indian Army says, “An avalanche struck a camp here near Mana village. In this, 20 people of Border Roads Organisation were buried. Till now, 10 persons have been rescued and are under treatment. We have inputs that 22 more persons feared buried are safe. The… pic.twitter.com/KQKD6fyspr
— ANI (@ANI) February 28, 2025
वहीं खराब मौसम और लगातार बर्फवारी के कारण मौके पर बचाव एवं राहत कार्य चलाने में मुश्किलें आ रही हैं । हांलांकि, घटना में अभी किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है । बदरीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है जो 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित है ।
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यह हादसा स्थल हिमस्खलन की दृष्टि से शीतकाल में खतरनाक माना जाता रहा है इसलिए पूर्व में इस कैंप से लोगों को हटाकर बदरीनाथ में रखा जाता था। माणा के गांव प्रधान पिताम्बर सिंह ने बताया कि इस बार बर्फ नही गिरने से कैंप बंद नहीं किया गया था और आज मजदूर हादसे की चपेट में आ गए । बता दें कि, बद्रीनाथधाम, नर और नारायण पर्वत की तलहटी पर बसा है जिसके बीचोंबीच अलकनंदा नदी प्रवाहित होती है। हादसा नर पर्वत से आए हिमस्खलन के कारण हुआ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)