गाजीपुर जेल (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)
लखनऊ: गाजीपुर जेल में जिम्मेदारी संभालने के महज 48 घंटे बाद ही नए जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया। 17 मार्च को उन्होंने अपना कार्यभार संभाला और 19 मार्च की शाम तक वापसी का आदेश जारी हो गया। उनके खिलाफ पहले से ही आरोप थे कि वे माफिया मुख्तार अंसारी को विशेष सुविधाएं देते रहे थे। यही वजह रही कि इस बार भी उनके नाम पर सवाल उठे और डीजी जेल ने त्वरित एक्शन लेते हुए उनका तबादला रद्द कर दिया। उनकी जगह अब लखनऊ जेल के सुनील दत्त मिश्रा को गाजीपुर की विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जेल प्रशासन में हाल ही में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। गाजीपुर जेल से गैरकानूनी फोन कॉल कराने के मामले में पहले ही जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को सस्पेंड कर दिया गया था। अब वीरेंद्र वर्मा की नियुक्ति भी विवादों में घिर गई। 2023 में भी वीरेंद्र वर्मा को निलंबन का सामना करना पड़ा था। उस समय बांदा जेल में मुख्तार अंसारी के पास प्रतिबंधित सामग्री मिलने पर वे दोषी पाए गए थे। लंबे निलंबन के बाद बहाल होकर वे वाराणसी जेल पहुंचे और अब गाजीपुर की जिम्मेदारी मिली थी, जो 48 घंटे में ही वापस ले ली गई।
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2023 में बांदा जेल में प्रतिबंधित सामग्री मिलने के मामले में वीरेंद्र वर्मा का नाम सामने आया था। तब डीजी जेल ने उन्हें हटाकर फतेहगढ़ भेज दिया था और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया था। करीब 15 महीने के निलंबन के बाद नवंबर 2024 में उनकी बहाली हुई। दरअसल अभी गाजीपुर जेल में वर्तमान में पदस्थ जेलर को सस्पेंड कर दिया था जिसके बाद नई नियुक्ती पर वारणसी से गाजीपुर के लिए वीरेन्द्र वर्मा का ट्रांसफर किया गया, जिसे महज 48 घंटे के अंदर ही वापस ले लिया है।
अब गाजीपुर जेल की जिम्मेदारी लखनऊ जिला जेल के जेलर सुनील दत्त मिश्रा को दी गई है। उनका कार्यकाल दो महीने या नए नियुक्ति आदेश तक रहेगा। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह के निलंबन के बाद मऊ के आनंद शुक्ला ने कार्यभार संभाल लिया है।