
महमूद प्राचा, (उन्नाव रेप केस पीड़िता के वकिल)
Unnao Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 दिसंबर 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2017 के उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया गया था.सीजेआई सूर्यकांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सेंगर को नोटिस जारी कर सीबीआई की उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। इस बीच पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने जांच एजेंसी पर सवाल उठाए हैं।
महमूद प्राचा ने कहा कि सीबीआई अभी भी सहयोग नहीं कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पीड़िता के वकील ने कहा कि हमें लग रहा था कि सीबीआई हमसेृ चीजें छिपाएगी और उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने (CBI) कल रात तक कॉपी रोके रखी। यह न सिर्फ इस केस में, बल्कि हाथरस केस में भी एक स्ट्रैटेजी रही है।
पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर पर खुशी जताई है। पीड़िता ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले से बहुत खुश हूं। सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिला और पूरा भरोसा है कि आगे भी मिलता रहेगा। मैं इस लड़ाई को लगातार लड़ती रहूंगी और यह सुनिश्चित करूंगी कि उसे फांसी की सजा मिले तभी हमारे परिवार को सच्चा न्याय मिलेगा। मैं उन सभी की आभारी हूं जो मेरे साथ खड़े रहे और मुझे न्याय दिलाने में मदद की। मेरे पिता की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब कुलदीप सिंह सेंगर को फांसी होगी।
इस बीच कुलदीप सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि उनका परिवार पिछले आठ सालों से चुपचाप न्याय का इंतजार कर रहा है और उसने कानून और संस्थानों पर अपना भरोसा बनाए रखा है। उन्होंने लिखा कि उनकी पहचान सिर्फ एक बीजेपी विधायक की बेटी तक सीमित हो गई है और उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार नफरत, गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा है।
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सेंगर की बेटी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा कि मेरा परिवार न तो कोई रियायत चाहता है और न ही सहानुभूति, बल्कि सिर्फ यह चाहता है कि कानून बिना किसी दबाव या डर के काम करे और सुबूतों की निष्पक्ष जांच हो। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया पर भ्रामक खबर चलाने की आरोप भी लगाया है।






