अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे (फोटो- सोशल मीडिया)
मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा में अबू आजमी के बयान के बाद खड़ा हुआ सियासी बवाल अब देशव्यापी होता जा रहा है। मामला अब इंडिया गठबंधन की एकता तक पहुंच गया है। अब इस मामले में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे का बयान आया है, पहले तो उन्होंने कहा कि अबु आजमी सत्र से नहीं बल्कि पूर्णतः निलबिंत कर दिया। जिसका मतलब है कि उनकी सदस्यता ही खत्म कर दी जाए।
वहीं अबु आजमी का अखिलेश यादव द्वारा बचाव किए जाने को लेकर उद्धव ने कहा कि “अगर उन्हें आपत्ति करनी है तो उन्हें करने दें।” उन्होंने संवाददाताओं से कहा अगर उन्हें आपत्ति करनी है तो उन्हें करने दें। पूरे महाराष्ट्र ने उनके खिलाफ आपत्ति जताई है। अगर वह चाहते हैं तो उन्हें वहां (यूपी) से चुनाव लड़वा दें। उन्हें सच्चाई नहीं पता है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने पार्टी नेता अबू आज़मी के निलंबन की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इस तरह के कार्यों पर वैचारिक प्रभाव लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है। यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में निलंबन के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि दंडात्मक उपायों से स्वतंत्र विचारों को बाधित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा यदि निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगे, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गुलामी में क्या अंतर रह जाएगा? हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी निर्भीकता बेमिसाल है। यदि कुछ लोग सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सत्य पर लगाम लग सकती है, तो यह उनकी नकारात्मक सोच का बचकानापन है। आज की स्वतंत्र सोच कहती है, हमें भाजपा नहीं चाहिए।”
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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुगल बादशाह औरंगजेब पर टिप्पणी करने के कारण बुधवार को समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को चालू बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया। आज महाराष्ट्र विधानसभा में आजमी की टिप्पणी के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में कहा कि आजमी के आपत्तिजनक बयान से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, जिसके कारण इस सत्र के लिए उनकी सदस्यता निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे अध्यक्ष ने पारित कर दिया।
आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगजेब “क्रूर प्रशासक” नहीं था और उसने “कई मंदिर बनवाए”। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, हिंदू और मुस्लिम के बारे में नहीं। मंगलवार को अबू आज़मी ने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और अगर भावनाएं आहत हुई हैं तो वह अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने के लिए तैयार हैं।