
मंत्रियों के साथ बैठक करते सीएम योगी। फाइल फोटो। इमेज-सोशल मीडिया
2027 UP Elections: अगले महीने में मकर संक्रांति के बाद उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी है। साथ ही भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन भी होगा। संगठन और सरकार के बीच अदला-बदली का फॉर्मूला अपनाए जाने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को हुई कोर कमेटी की बैठक में इस पर मंथन हुआ। माना जा रहा कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही फेरबदल अमल में लाया जा सकता है, जिसके बाद संगठन के पुनर्गठन का काम शुरू होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक अनिल और महेंद्र कुमार की मौजूदगी में डेढ़ घंटे चली बैठक को वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंकज चौधरी की यह पहली कोर कमेटी की बैठक थी। इससे पहले वह महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ आरएसएस कार्यालय भारती भवन गए थे। यहां संघ पदाधिकारियों से संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में स्पष्ट संकेत दिए गए कि संगठन में कुछ चेहरों को सरकार में लाया जा सकता है। वहीं, कुछ मंत्रियों को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के सरकार में शामिल होने की प्रबल संभावना है।
सरकार में अभी मुख्यमंत्री समेत 54 मंत्री हैं। अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद दो मंत्री सांसद बन गए हैं। इससे मंत्रिमंडल में रिक्तियां हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे जितिन प्रसाद और राजस्व राज्य मंत्री रहे अनूप प्रधान वाल्मीकि संसद में हैं। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज है।
प्रदेश अध्यक्ष कोर कमेटी की बैठक के बाद दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि पंकज दिल्ली में हाईकमान के सामने कोर कमेटी की बैठक में हुई चर्चा और प्रस्ताव की जानकारी देंगे। इसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में काम कर रहे कुछ मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: BJP अध्यक्ष का चुनाव हुआ पूरा…अब कैबिनेट विस्तार की बारी, किसे मिलेगा मौका और किसकी छिनेगी कुर्सी?
विभागीय प्रदर्शन, प्रशासनिक रिपोर्ट और एसआईआर जैसे आकलनों के आधार पर कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजने की तैयारी है। इसके साथ ही आयोगों और बोर्डों में खाली पड़े पदों को भरने पर भी सहमति बनी है। सूत्र बताते हैं कि यह पूरा फेरबदल 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश होगी। पार्टी में यह चर्चा भी है कि वर्तमान में पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व ज्यादा है, ऐसे में पश्चिम यूपी से नेताओं को आगे लाकर संतुलन बनाने का प्रयास किया जा सकता है।






