प्रतीकात्मक तस्वीर-वाराणसी कलेक्ट्रेट
वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कलेक्ट्रेट परिसर में जज किरण पाल सिंह भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरी गाड़ी को कैसे रोका गया। पूरे उत्तर प्रदेश में किसी की हिम्मत नहीं की मेरी गाड़ी रोक दे। दरअसल डीएम के आदेश पर एडीएम ने कलेक्ट्रेट परिसर में लैंड एक्विजिशन कोर्ट के जज की गाड़ी रोक दी। हालांकि वह बाद में गाड़ी से ही अंदर गए।
जानकारी के मुताबिक वाराणसी के डीएम ने कलेक्ट्रेट परिसर में फोर व्हीलर वाहनों की एंट्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन करते हुए वह स्वयं भी कलेक्ट्रेट पैदल गए थे। वाहनों को रोकने के लिए एडीएम सिटी गेट पर तैनात थे। माय लॉर्ड की गाड़ी रोकना उनको भारी पड़ गया।
एडीएम ने जज से कहा पैदल जाइए
डीएम सत्येंद्र कुमार ने सुरक्षा और जाम की वजह से कलेक्ट्रेट के अंदर चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी थी। डीएम के आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी एडीएम आलोक वर्मा को सौंपी गई थी। वह गेट पर खड़े होकर सभी वाहनों को अंदर आने से रोक रहे थे। इसी दौरान कार से जज किरण पाल सिंह वहां पहुंच गए तो एडीएम ने कहा कि डीएम का आदेश है कोई भी वाहन अंदर नहीं जाएगा। आप यहां से पैदल जाईए, डीएम स्वयं पैदल गए हैं।
एडीएम को जज ने हड़काया
एडीएम द्वारा गाड़ी रोकने और डीएम के फरमान पर जज किरण पाल सिंह गुस्सा हो गए। उन्होंने एडीएम को जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान एडीएम चुपचाप खड़े दिखाई दिए। इसके बाद जज किरण पाल की कार को अंदर जाने की अनुमति मिली और वह कार सहित अंदर गए। थोड़ी देर बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य भी अपने 4 पहिया वाहन से पहुंचीं। इसके बाद उनकी गाड़ी भी अंदर चली गई।
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सुरक्षा और जाम की वजह से प्रतिबंध लगाया
वहीं मामले को लेकर एडीएम वर्मा ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के चलते यह फैसला लिया गया है। कलेक्ट्रेट और कचहरी परिसर में 23 नवंबर 2007 को आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था। जिसमें वकील समेत 9 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन फिर से वाहनों अंबार लगने लगा था। इसीलिए डीएम ने वाहनों की कलेक्ट्रेट परिसर में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था में सेंध न लगाई जा सके साथ ही कलेक्ट्रेट को जाम से निजात मिले।