महाकुंभ : प्रदेश का पहला डबल डेकर बस रेस्तरां
महाकुंभनगर : युं तो महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माना जाता है। जो हर 12 साल में हमारे देश में आयोजित होता है। बीते 13 जनवरी से आगामी 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले के बीच, भारत के लाखों श्रद्धालु धार्मिक उत्सव में भाग लेने और त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की यात्रा कर रहे हैं।
इसी बीच प्रयागराज में महाकुंभ नगर के सेक्टर-2 स्थित मीडिया सेंटर के पास बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश के पहले डबल डेकर बस रेस्तरां पंपकिन का उद्घाटन किया गया। इस डबल डेकर बस फूड कोर्ट के संस्थापक मनवीर गोदरा ने बताया कि, इस खास रेस्तरां के भूतल में रसोई और प्रथम तल पर रेस्तरां है जहां एक साथ 25 लोग बैठ कर शुद्ध शाकाहारी और सात्विक भोजना का आनंद ले सकते हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि पंपकिन ब्रांड की लांचिंग महाकुंभ मेले से की जा रही है और आने वाले समय में काशी, मथुरा, अयोध्या आदि धार्मिक स्थलों पर यह रेस्तरां शुरू किया जाएगा। इस रेस्तरां में भोजन की दर किफायती रखी गई है और यहां विशेष अवसर पर उपवास का खाना भी मिलेगा। बस के अंदर एवं बाहर लगी एलईडी स्क्रीन पर महाकुंभ से संबंधित फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।
#WATCH | Prayagraj, UP: State’s first double-decker bus restaurant opened in Maha Kumbh city. (21.01) pic.twitter.com/gZVqKFDYRX
— ANI (@ANI) January 22, 2025
जानकारी दें कि, इस महाकुंभ मेले में पहली बार देश के दिग्गज कॉरपोरेट घराने अदाणी समूह के साथ इस्कॉन अब वह पहले की तुलना में कहीं अधिक क्षमता से श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद उपलब्ध करा रहा है। यहां सेक्टर 19 में हर्षवर्धन मार्ग पर स्थित इस्कॉन के शिविर में एक रसोई में एक सत्र में 30 से 35 हजार लोगों का खाना तैयार होल रहा है। एक दिन में तीन सत्रों में कुल मिलाकर एक लाख से अधिक लोगों के लिए खाना तैयार हो रहा है।
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वहीं ये भोजन मिट्टी के चूल्हे में लकड़ी और गोबर के कंडों की आग पर तैयार किए जाते हैं जिससे इनका स्वाद लाजवाब है। इस समय पूरे प्रयागराज में 40 केंद्रों पर भोजन प्रसाद वितरण किया जा रहा है जिनमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कई होल्डिंग एरिया शामिल हैं जहां मुख्य स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की भीड़ को रोका जाता है।
इस भोजन प्रसाद के वितरण के लिए 100 गाड़ियां लगाई गई हैं जिन्हें अदाणी समूह की तरफ से उपलब्ध कराया गया है। अदाणी समूह और इस्कॉन की ओर से तीन से साढ़े तीन हजार स्वयंसेवक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूरी परियोजना पर्यावरण-अनुकूल है और 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
जानकारी दें कि, इस्कॉन ने पूरे प्रयागराज में तीन रसोई घर स्थापित किए हैं जो रेलवे जंक्शन के पास खुशरोबाग, सेक्टर छह में नेत्रकुंभ और सेक्टर 19 में इस्कॉन मंदिर परिसर में स्थित हैं और यहीं से भोजन प्रसाद तैयार कर वितरित किया जा रहा है। पता हो कि, पूरे भारत में इस्कॉन के 750 केंद्र हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)