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सीतापुर में स्कूलों के मर्जर पर रोक, अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

लखनऊ हाईकोर्ट ने यूपी के सीतापुर जिले में स्कूलों के विलय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिले में फिलहाल पुरानी स्थिति को बहाल रखा जाए। अब अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

  • By प्रतीक पांडेय
Updated On: Jul 24, 2025 | 03:54 PM

प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया

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UP Primary School Merger: सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने हाल ही में सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। 2 जुलाई को एक और याचिका दायर की गई। इससे पहले 7 जुलाई को कोर्ट की सिंगल बेंच ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था। अब मामले में चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की डबल बेंच ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

16 जून 2025 को बेसिक शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा गया कि प्रदेश के हजारों स्कूलों को विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। सरकार का तर्क था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।

सीतापुर की छात्रा ने दी थी चुनौती

हालांकि इस आदेश को सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी के साथ-साथ 51 बच्चों ने 1 जुलाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद 2 जुलाई को एक और याचिका दाखिल की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश अनुचित है और यह निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन करता है।

छात्रों की समस्या पर कोर्ट की प्रतिक्रिया

याचिका में कहा गया कि छोटे बच्चों के लिए नए स्कूल तक पहुंचना कठिन होगा और इससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। 3 और 4 जुलाई को हुई बहस में कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 7 जुलाई को सिंगल बेंच ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया। हालांकि इसके विरुद्ध डबल बेंच में तीन याचिकाएं दायर कर दी गईं जिस पर अब सुनवाई जारी है। बहरहाल इस मामले में अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया है।

क्या है सरकार की मर्जर नीति?

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के निर्देश के अनुसार 50 से कम छात्रों वाले परिषदीय स्कूलों को पास के बड़े स्कूलों में विलय किया जाएगा। यह प्रक्रिया तभी होगी जब रास्ते में कोई नदी, नाला, रेलवे ट्रैक या हाईवे न हो जिससे दुर्घटना की आशंका न रहे। मामले में सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य सभी छात्रों को बेहतर, सुविधायुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2020 के तहत स्कूलों के संसाधनों का साझा उपयोग और सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में हिंदी पर बवाल…इधर उज्ज्वल निकम ने मराठी में ली सांसद पद की शपथ

क्या है सरकार की तैयारी?

राज्य सरकार हर जिले में मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय (कक्षा 1 से 8 तक) खोल रही है। इनमें स्मार्ट क्लास, टॉयलेट, फर्नीचर, पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम, मिड-डे मील किचन, डायनिंग हॉल, सीसीटीवी, वाई-फाई, ओपन जिम और शुद्ध पेयजल जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। हर स्कूल में कम से कम 450 छात्रों के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक स्कूल को अपग्रेड करने में 1.42 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।

Stay on primary school merger in sitapur order to maintain status quo till further orders

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Published On: Jul 24, 2025 | 03:52 PM

Topics:  

  • High Court
  • Upper Primary Schools
  • Uttar Pradesh

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