इलाहाबाद हाईकोर्ट, संभल जामा मस्जिद (फोटो-सोशल मीडिया)
संभलः बहुचर्चित संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रिव्यू अर्जी को खारिज कर दिया है। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की थी। मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में मामले की पोषणीयता (maintainability) को चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से मस्जिद के सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। मस्जिद कमेटी ने 19 नवंबर 2024 को सिविल कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि ASI सर्वे के दौरान ही संभल में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद से मामला हाईकोर्ट में है और इलाके में पुलिस अलर्ट पर है।
रोहित रंजन अग्रवाल का फैसला
इलहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल केस सुनने योग्य हैं। अभी तक मामले में जो भी कार्रवाई हुई है, वह सबी है। हम कमीशन की जांच में हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। कमीशन की जांच और दाखिल वाद पहले की तरह जारी रहेगा।
जानिए पूरा घटनाक्रम
दरअसल, संभल की निचली अदालत ने जामा मस्जिद के ASI सर्वे का आदेश दिया था। 19 नवंबर 2024 को पहली बार भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने सर्वे किया। दूसरी बार 5 दिन बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के लिए ASI की टीम पहुंची थी। बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग जमा हो गए और सर्वे का विरोध करने लगे। इसी दौरान कुछ भाजपा कार्यकर्ता भी मस्जिद के पास जमा हुए नारेबाजी की। इस दौरान दोनों पक्षों को मौके से हटाने के लिए पुलिस मोर्चा संभाला ही था कि हिंसा भड़क गई।
इस दौरान हिंसा 4 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद 8 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए सर्वे पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी पक्ष से जवाब मांगा था। इसके बाद मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की। इसमें सर्वे पर रोक की मांग की थी। इस याचिका पर 13 मई को बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रख लिया था।