लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि मात्र आठ माह में 86 विकासखंड राज्य के औसत के बराबर आ गए हैं। मार्च 2022 तक प्रदेश के 99 विकासखंड राज्य के औसत से पीछे थे, आज सिर्फ 13 बचे हैं। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम शोधार्थियों (Researchers) की कड़ी मेहनत से यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि शोधार्थी गांवों में स्वरोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दें। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर (Gram Panchayat Level) पर बैंकों के कैम्प लगवाएं।
सीएम योगी ने 5 कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात शोधार्थियों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने शोधार्थियों से कार्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आकांक्षात्मक जनपदों के तर्ज पर प्रदेश में आकांक्षात्मक विकास खंडों का चयन किया गया है। इन शोधार्थियों ने अच्छा प्रयास प्रारम्भ किया है। डाटा संकलित न कर पाने के कारण शासन को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये शोधार्थी प्रतिदिन अपना कार्य करने के बाद डेटा अपलोड कर रहे हैं। इससे डाटा संकलन में सुविधा हो रही है।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्किल, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिये सही डाटा अपलोड करें। विकास खंड की आवश्यकता को ध्यान में रखकर कार्यक्रम चलाएं। उन्होंने कहा कि हमें किसानों की लागत को कम करते हुए उनके उत्पादन को बढ़ाना है। इसके लिए पेस्टिसाइड के छिड़काव को लेकर किसानों को ड्रोन ट्रेनिंग के बारे में जानकारी दी जाए। युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए हर विकासखंड में कौशल विकास के कैम्प लगवाए जाएं। सीएम योगी ने कहा राज्य सरकार की कुछ योजनाओं में इन शोधार्थियों के माध्यम से अप्रैल से लेकर नवंबर तक बहुत अच्छा कार्य हुआ है। आयुष्मान भारत कार्ड, स्कूलों में शौचालय और पेयजल, गोआश्रय स्थल, मिशन इंद्रधनुष जैसी कई अन्य कार्यक्रम आकांक्षात्मक विकास खंडों में अब और तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय बनकर तैयार हो गए हैं। इनमें बैंकिंग सखी, रोजगार सेवक और कम्प्यूटर ऑपरेटर के बैठने की व्यवस्था है। साथ ही, मिशन शक्ति के तहत महिला बीट पुलिस को भी सप्ताह में एक दिन बैठने के निर्देश हैं।
मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों में तैनात शोधार्थियों से संवाद करते #UPCM @myogiadityanath https://t.co/8RPcbetRkO
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 29, 2022
सीएम योगी ने कहा कि शोधार्थी जनपद में व्यापक भ्रमण और जन संपर्क करें। समन्वय बनाकर योजनाओं पर लोगों का फीडबैक एकत्रित करें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। शोधार्थी जब फील्ड में रहें, तब अधिकारियों और लोगों से बेहतर संवाद बनाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाएं। इससे सार्थक परिणाम सामने आएंगे। सीएम योगी ने शोधार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि तीन से चार वर्ष बाद जब इन आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात शोधार्थियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा, तो जो भी शोधार्थी अच्छा कार्य किए होंगे, अगर वह सरकारी सेवा में आना चाहेंगे, तो उन्हें उम्र में छूट दी जाएगी।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 100 साल पूरे होने पर विकसित भारत की परिकल्पना की थी। इसमें शहरों के साथ-साथ ब्लॉक और जनपद की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में हर जनपद और ब्लॉक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यहां की मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना अन्य राज्यों के लिए मॉडल है और प्रेरणा का कार्य करेगी। नीति आयोग उत्तर प्रदेश सरकार के ब्लॉक, सिटी और जनपद के विकास कार्यक्रम में पूरा सहयोग करेगा।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि पूरे पारदर्शी तरीके से मुख्यमंत्री फेलोशिप के शोधार्थियों का चयन हुआ है। चयन के बाद इन्हें दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि समस्त शोधार्थियों द्वारा जनपद और विकास खंड स्तरीय अधिकारियों से भेंट कर सामंजस्य स्थापित कर लिया गया हैं। इन शोधार्थियों के विकास खंडों में जाने से हमें नए-नए सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, जिन पर विकास खंड स्तर पर कार्य हो रहे हैं। साथ ही इन शोधार्थियों के क्षेत्र भ्रमण के दौरान पाई गई कमियों का निराकरण सम्बंधित अधिकारी के संज्ञान में लाकर कराया जा रहा है।