(socail media)
नोएडा: भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए 5 बड़े फैसले लिए। जिसमें सिंधु जल समझौता रद्द करने के साथ भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे में भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि क्या सरकार के इस आदेश के बाद सीमा हैदर को भी भारत छोड़कर जाना होगा?
सीमा मई 2023 में नेपाल के रास्ते अपने 4 बच्चों के साथ अपने प्रेमी सचिन से मिलने भारत के नोएडा आई थी। जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी और दोनों का एक बच्चा भी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सीमा को भी सरकार के आदेश के तहत भारत छोड़कर जाना होगा या उसे किसी तरह की छूट मिल सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार के आदेश के बाद भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर जाना ही होगा। ऐसा होता है कि सीमा हैदर को भी भारत छोड़ना पड़ सकता, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं है। सीमा ने ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन मीणा से शादी की है और दोनों का एक बच्चा भी है। इसके अलावा सीमा को कई बार सोशल मीडिया वीडियो में हिंदू रीति-रिवाजों को निभाते हुए देखा गया है।
हालांकि सीमा गैर कानूनी तरीके से भारत में आई थी और उसके पास भारत की आधिकारिक नागरिकता नहीं है। सीमा की नागरिकता को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में उस पर कार्रवाई फिलहाल नहीं होगी। साथ ही राज्य सरकार की रिपोर्ट पर निर्भर करता है कि सीमा को भारत छोड़ना पड़ेगा या नहीं।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने 5 बड़े फैसले लिए है। पहला भारत ने पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद का समर्थन रोकने तक 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। दूसरा अटारी-वाघा चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
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तीसरा पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना ( SVES)के तहत भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। पहले से जारी सभी SVES वीजा को रद्द किए जाएंगे। SVES पर पहले से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा। चौथा, दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा और सैन्य सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। पांचवा, दोनों उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला किया गया है। यह कटौती 1 मई 2025 तक प्रभावी होगी।