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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के मनरेगा (MNREGA) कार्यों में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए बनी मोबाइल मॉनिटरिंग व्यवस्था (Mobile Monitoring System) को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देशों के क्रम में प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में वाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं। इस कार्य को मनरेगा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था के बहुत ही सार्थक और सकारात्मक परिणाम निखर कर आएंगें।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी. एस. प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा के तहत ऐसे कार्यस्थल जहां 20 अथवा 20 से अधिक श्रमिक नियोजित हैं और कार्य कर रहे हैं, उन स्थलों पर श्रमिकों की उपस्थिति मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के द्वारा किए जाने की व्यवस्था दी गयी हैं। इन कार्य स्थलों पर नियोजित श्रमिकों की उपस्थिति के सम्बन्ध में और अधिक पारदर्शिता के लिए वाट्सअप ग्रुप बनाए जाने के निर्देशों के क्रम में शत प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।
अपर आयुक्त ( मनरेगा) योगेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, ग्राम पंचायत स्तर पर बनाए गए इन वाट्सअप ग्रुप में वर्तमान सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि, अध्यक्ष जिला पंचायत प्रतिनिधि, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि, प्रधानों को तो जोड़ा ही गया है, साथ ही इन पदों के पिछले चुनाव के प्रथम रनर प्रत्याशी प्रतिनिधि भी जोड़े गए हैं। इसके अलावा पंचायत सेकेट्री और गाइडलाइन के अनुसार अन्य पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव को जोड़ने की कार्यवाही की गयी है।