(सौजन्यः सोशल मीडिया)
लखनऊ: हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें इस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक को मुख्य रुप से जिम्मेदार बताया गया। साथ ही स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई। जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना पहला एक्शन लेते हुए हाथरस के SDM, CO समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।
SIT ने बीते सोमवार की रात 300 पेज की एक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी। जिसमें कहा गया है कि, हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसकी और गहनता से जांच जरूरत है। यह हादसा आयोजकों की लापरवाही से घटीत हुई है। वहां स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भी आयोजन के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है।
मुख्यमंत्री योगी को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ अफसरों को इस आयोजन की जानकारी तक नहीं दी गई थी। वहीं मौके पर पहुंची भीड़ को संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम भी नहीं किए गए थे। जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घटी। इस पूरे रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए है। जिन्होंने घटना को लेकर पूरी कहानी बताई है। जिसमें आयोजन स्थल पर ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान समेत प्रशासन के सभी उच्चाधिकारियों के भी बयान शामिल हैं। इनके अलावा सत्संग घटना के मृतकों के परिवार वालों और घायल लोगों के भी बयान लिखे गए हैं।
बता दें कि इस घटना को लेकर पर सूरज पाल उर्फ साकार विश्व हरि के वकील एपी सिंह ने एक नई थ्योरी दी थी। उन्होंने कहा था कि सत्संग के दौरान कुछ लोगों जहरीला स्प्रे लेकर आए थे। उन्होंने अचानक ही इस स्प्रे को भीड़ में छिड़क दिया और 10 से 12 लोग गाड़ी लेकर भाग गए।
जिसकी वजह से वहां अफरा-तफरी मच गई। उसमें से कुछ लोग वहीं बेहोश भी हो गए। जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। उन्होंने इसे दुर्घटना नहीं हत्या बताते हुए सीसीटीवी कैमरे को सीज करने की बात कही थी।