कॉन्सेप्ट फोटो (सौजन्य- सोशल मीडिया)
लखनऊ: देश में भारतीय दंड सहिंता की जगह पर नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में कानून के लागू होने के एक दिन में 200 से ज्यादा प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी दी।
भारतीय दंड संहिता की जगह सोमवार से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत उत्तर प्रदेश में पहली प्राथमिकी अमरोहा जिले के रेहरा थाने में दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर इसे ऐतिहासिक घटना बताया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, ‘‘इतिहास रचा जा रहा है। अमरोहा जिले का रेहरा थाना उत्तर प्रदेश में नए भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज करने वाला राज्य का पहला पुलिस थाना बन गया है।” बीएनएस के तहत राजवीर उर्फ राजू और भूप सिंह उर्फ भोलू के खिलाफ धारा 106 (लापरवाही से मौत) के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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प्रदेश पुलिस के मुताबिक अमरोहा के रेहरा थाना क्षेत्र स्थित ढकिया गांव निवासी संजय सिंह द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने उनके खेत में बिजली का तार बिछा दिया था। इसमें कहा गया कि उनके पिता जगपाल जब सुबह करीब साढ़े छह बजे अपने खेत गये तो उन्हें करंट लग गया, जिससे उनकी मौत हो गयी।
मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। इस बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने एक बयान में कहा कि तीन नये कानून आज देश में लागू किये गये हैं। उत्तर प्रदेश में सोमवार शाम आठ बजे तक भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अन्तर्गत 255 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
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भारतीय न्यान संहिता (बीएनएस) कानूनों में हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही थी। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि बीएनएस में पूर्ववर्ती आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की तरह अधिकतम 15 दिन की पुलिस हिरासत का प्रावधान है। उन्होंने कहा, बीएनएस में अधिकतम 15 दिन की हिरासत होगी, लेकिन इसे 60 दिन की ऊपरी सीमा के भीतर टुकड़ों में लिया जा सकता है।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)