धनंजय सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
Dhananjay Singh: राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड स्थित कठौता झील चौराहे के पास उपप्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में गवाह मोहर सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान तीन शूटरों की पहचान की। उन्होंने यह भी बताया कि इस हत्या की साजिश रचने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भी भूमिका थी।
इस मामले की सुनवाई कर रहे एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने बचाव पक्ष के गवाह मोहर सिंह से जिरह के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है। अजीत सिंह पर हमले के दौरान मौजूद मोहर सिंह भी घायल हो गया था। एसटीएफ ने इस मामले में धनंजय को हत्या के आरोप से क्लीन चिट दे दी थी।
मोहर सिंह एक आपराधिक मामले में गाजीपुर जेल में बंद है। इस हत्याकांड में गवाही के लिए उसे कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया था। अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए गवाह मोहर सिंह ने कहा है कि अजीत की हत्या से पहले सीपू सिंह की हत्या हुई थी। जिसमें ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू आरोपी था और अजीत सिंह गवाह था। इसके बाद कुंटू सिंह और उसके साथी अजीत सिंह को गवाही न देने की धमकी देते थे।
बताया गया कि वर्ष 2020 में अजीत सिंह के घर रुद्राभिषेक हुआ था। प्रदीप सिंह कबूतरा अपने साथियों के साथ इसमें शामिल हुआ था। यहाँ भी प्रदीप सिंह ने उसे गवाही न देने को कहा था। ऐसा न करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। बताया गया कि अखंड प्रताप सिंह, कुंटू सिंह और धनंजय सिंह दोस्त हैं। इसलिए धनंजय सिंह ने अखंड से कहा था कि अगर अजीत गवाही देता है, तो उसे रास्ते से हटा देना।
गवाह मोहर सिंह ने आगे बताया कि अजीत की हत्या की साजिश कुंटू, अखंड, प्रदीप और धनंजय सिंह ने रची थी। धनंजय ने ही शूटर बुलाए थे। गवाह ने अदालत में मौजूद शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, मनीष उर्फ बंधन, मुस्तफा उर्फ बंटी और राजेश के अलावा हरियाणा, जौनपुर और यमुनानगर जेलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश हुए तीन आरोपियों की पहचान शूटरों के रूप में की।
गवाह मोहर सिंह ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा कि हत्याकांड में घायल और चश्मदीद गवाह होने के साथ-साथ वह इस मामले में वादी भी हैं और उसकी जान को खतरा है। जिस पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को गवाह को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
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6 जनवरी 2021 को मुहम्मदाबाद गोहना मऊ के पूर्व उप प्रमुख अजीत सिंह की विभूतिखंड इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि उनके साथी मोहर सिंह घायल हो गए थे। मोहर ने विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच में धनंजय सिंह की संलिप्तता का भी आरोप लगाया गया था। बाद में धनंजय के मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई थी। जांच में एसटीएफ ने हत्या और साजिश के मामले में आरोपी धनंजय सिंह को क्लीन चिट दे दी थी।