पूर्व सांसद धनंजय सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
जौनपुर: उत्तर प्रदेश के बहुबली नेता धनंजय सिंह के लिए राहत की खबर है। साल 2010 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बेलांव में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में कोर्ट ने धनंजय सिंह समेत कुल चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। धनंजय जौनपुर से दो बार के विधायक और सांसद रहे हैं।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा था कि उन्हें राजनीतिक दुश्मनी के कारण फंसाया गया है। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल 2010 को सुबह 5:15 बजे बेलांव घाट बैरियर के पास टोल टैक्स विवाद के दौरान संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
धनंजय सिंह पर आरोप था कि उन्होंने ठेकेदारी की रंजिश को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ ही आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह व सुनीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद कोर्ट में कई गवाहों के बयान भी दर्ज हुए थे। एडीजीसी लाल बहादुर पाल ने 20 लोगों के नाम गवाह के तौर पर दर्ज किया गया था। हालांकि इसके बाद सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई थी। जिसके कुछ दिन बाद राज्य सरकार ने केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था। अब इस मामले में 15 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है।
सत्य परेशान हो सकता है , लेकिन पराजित नहीं
सत्य की हुई जीत
जय माँ भगवतीDhananjay Singh
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सीबीआई ने जांच मामले में धनंजय सिंह को मुख्य आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया था। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में 20 लोगों को गवाह बनाया था, लेकिन कोर्ट में केस शुरू होने के बाद एक-एक करके सारे गवाह अपने बयान से पलट गए। यहां तक कि कई गवाहों ने आरोपियों को पहचानने तक से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इसके बाद सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
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धनंजय सिंह, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक प्रभावशाली नेता हैं। वे बहुजन समाज पार्टी से राजनीति में आए और बाद में कई दलों से जुड़े। उन्होंने 2002 में पहली बार विधायक और 2009 में सांसद का चुनाव जीता। उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज रहे हैं, जिससे वे विवादों में भी रहे। इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता बनी रही। उनका राजनीतिक सफर सत्ता, संघर्ष और विवादों से भरा रहा है, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है।