सीएम योगी (फोटो-सोशल मीडिया)
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को पूर्व सीएम स्व. कल्याण सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित हिंदू गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सीएम योगी ने कहा कि ‘बाबूजी’ (कल्याण सिंह) का पूरा जीवन भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता और जनता की सेवा को समर्पित रहा। उनकी विरासत ही आज यूपी के विकास की आधारशिला बनी है।
सीएम योगी ने कहा कि बाबूजी का जन्म अलीगढ़ जिले के एक छोटे से किसान परिवार में हुआ था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उन्हें बचपन में ही राष्ट्रीयता के संस्कार मिले। शिक्षक के रूप में और फिर भाजपा कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपना जीवन भारत माता और भारतीयता के लिए समर्पित किया। आज उनकी पुण्यतिथि पर प्रदेश की जनता की ओर से, हर रामभक्त की ओर से और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय राजनीति में बाबूजी को जो भी जिम्मेदारी मिली, उन्होंने अपने आदर्शों की अमिट छाप छोड़ी। 1977 में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दी। 1990 में जब प्रदेश की स्थिति बिगड़ी हुई थी, तब उन्होंने कानून का राज स्थापित कर सुशासन का लक्ष्य सामने रखा। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने विरासत और विकास की यात्रा को साथ-साथ आगे बढ़ाने का काम किया। कांग्रेस ने 1992 में अलोकतांत्रिक तरीके से उनकी सरकार को बर्खास्त किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में जो विकास, सुशासन और सुरक्षा का वातावरण बना है, उसकी आधारशिला बाबूजी ने 1990 और 1996 के कार्यकाल में रखी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज डबल इंजन की सरकार उन्हीं आदर्शों को अंगीकार करते हुए प्रदेश को नई बुलंदियों की ओर ले जा रही है। यही बाबूजी को सच्ची श्रद्धांजलि है। प्रदेश के कई संस्थानों का नाम बाबूजी की स्मृति में रखा गया है। बुलंदशहर मेडिकल कॉलेज, लखनऊ का सुपर स्पेशलिटी कैंसर हॉस्पिटल और राजधानी में स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा इसके उदाहरण हैं।
सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग आज ‘पीडीए’ (परिवार विकास अथॉरिटी) के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, वही लोग कभी दंगे भड़काते थे और हिंदू त्योहारों पर रोक लगाते थे। वो लोग कांवड़ यात्रा पर रोक लगाते थे, दुर्गा पूजा और दशहरा उत्सव में बाधा डालते थे। जब दंगे होते थे, अलीगढ़, बरेली, मुजफ्फरनगर और मेरठ में हिंसा भड़कती थी, तब ये लोग पीड़ित हिंदुओं, दलितों और पिछड़ों के पक्ष में नहीं बोलते थे। केवल भाजपा उनके साथ खड़ी थी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में दंगे, गुंडागर्दी और माफिया राज का बोलबाला था। बीते साढ़े आठ वर्षों में यूपी दंगा मुक्त और माफियाओं से मुक्त हुआ है। आज अलीगढ़ से लेकर कासगंज और एटा तक हजारों युवाओं को पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत पुलिस बल में जगह मिली है। पहले भ्रष्टाचार और अराजकता की वजह से यह संभव नहीं था।-एजेंसी इनपुट के साथ