सीएम योगी आदित्यनाथ (सोर्स-सोशल मीडिया)
अयोध्या: बुधवार सीएम योगी ने रामनगरी अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के दौरान काशी और मथुरा को लेकर भी बड़े संकेत दिए हैं। सीएम योगी ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठित होने के बाद पहले दीपोत्सव के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या एक शुरुआत मात्र है।
पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित राम कथा पार्क में संतों और राम भक्तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोली चलाने का आदेश दिया, वे आज अयोध्या के विकास में बाधा बन रहे हैं। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि ये लोग अयोध्या समेत विभिन्न बहानों से सनातन धर्म के मार्ग में बाधा बन रहे हैं और हमें इन बाधाओं को भी दूर करना होगा।
उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति पर लगातार हो रही टिप्पणियों को अवांछनीय बताया और याद दिलाया कि सनातन धर्म ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, सभी को गले लगाया। संकट के समय पूरी दुनिया के लोगों की मदद की, लेकिन धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाले लोग सनातन धर्म पर बार-बार सवाल उठाकर भारत की आत्मा को लहूलुहान करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म का सशक्त प्रतिनिधि होने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। जब तक हम सनातन धर्म के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने वालों को समाप्त नहीं कर देते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। इस दिशा में अपने स्वयं के संकल्प को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, “राम काज कीन्हे बिन मोहि कहां विश्राम।”
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राम मंदिर की ही तर्ज पर काशी विश्वनाथ और कृष्णजन्मभूमि विवाद के समाधान की ओर इशारा किया। मंदिर निर्माण और अयोध्या में श्रेष्ठ सांस्कृतिक नगरी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह शुरुआत है और जैसे अयोध्या में हुआ, वैसे ही काशी और मथुरा में भी होना चाहिए।”
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अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को प्रेरक और सराहनीय बताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने रामराज्य की भावना के अनुरूप 2014 में शासन करना शुरू किया। रामराज्य की भावना के अनुरूप उनके शासन में देश के 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा, चार करोड़ गरीबों को घर, 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर, 12 करोड़ गरीबों को मुफ्त शौचालय और कोरोना संकट से लेकर अब तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देना संभव हो पाया है।
32 हजार करोड़ की लागत से बेहतरीन सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित हो रही अयोध्या की संभावनाएं यहीं खत्म नहीं होतीं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पहले से तय परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है या पूरा होने वाला है, लेकिन इससे आगे भी काम होना है। यह तो अभी शुरुआत है।
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