बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
Bulandshahr Riots Case: बुलंदशहर हिंसा मामले में 7 साल बाद स्थानीय अदालत में अपना फैसला सुनाया है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक नेता समेत 38 लोगों को दोषी करार दिया गया है। अदालत 1 अगस्त को दोषियों की सजा का ऐलान करेगी।
यह मामला दिसंबर 2018 का है, बुलंदशहर जिले के स्याना थाना क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने से हिंसा भड़क गई थी। गुस्से में भड़के लोगों ने चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। साथ ही पुलिस पर पथराव किया गया था। इस हिंसा में तत्कालीन थाना प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी।
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र में हिंसा की घटना घटी थी। दरअसल, यहां महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की सूचना पर हिंदूवादी संगठन और ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे। आरोप है कि, हिंदू संगठन से जुड़े योगेश राज ने लोगों को भड़काया था। इसके बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेष भरकर यह भीड़ बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंची और हाइवे जाम कर दिया गया।
पुलिस ने जब मामले में हस्तक्षेप किया तो मामला बिगड़ गया। गोवंश के अवशेष मिलने से भड़की भीड़ ने पहले पुलिस पर पथराव किया और फिर पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। वहीं, चिंगरावठी निवासी सुमित को भी गोली लग गई, जिससे उसकी भी मौत हो गई थी।
पुलिस जांच के बाद जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान समेत कुल 44 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से फिलहाल 5 की मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक आरोपी नाबालिग था, जिसे रिहा कर दिया गया है। मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य और हिंदू संगठन से जुड़े योगेश राज हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट में दो थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई थी।
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अभियुक्त पक्ष के वकील अशोक डागर ने बताया कि आज कोर्ट को फैसला सुनाना था, जो दोपहर ढाई बजे आना तय था। कुछ आरोपी देर से पेश हुए। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान 1 अगस्त को किया जाएगा। हम दोष सिद्ध करने वाले इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और जल्द ही हाई कोर्ट का रुख करेंगे।