नंदकिशोर गुर्जर (सोर्स- सोशल मीडिया)
UP News: गाजियाबाद के लोनी में भाजपा के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। विधायक न सिर्फ अपने इलाके में जाम में फंसकर खुद सड़क पर उतरे और जाम खुलवाया और अतिक्रमण हटवाया, बल्कि इसके बाद गुस्से में आकर पुलिस अफसरों पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए, जिससे पूरे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है।
गुस्साए विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि एक विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से भी बड़ा होता है, इन अफसरों ने उन्हें चपरासी बना दिया है। जनता की बात सुनने की बजाय अफसर वीसी में व्यस्त रहते हैं, चाहे वो मुख्य सचिव हों, प्रमुख सचिव हों या गाजियाबाद और लोनी के आला अधिकारी।
लोनी में अतिक्रमण से जाम और सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने आए लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि वह लोनी की टूटी सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने का काम देख रहे थे। इस दौरान वह लोनी तिराहे पर घंटों जाम में फंसे रहे। गुस्साए विधायक ने आरोप लगाया कि इस दौरान मौके पर एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था, जनता परेशान थी, विधायक परेशान थे, लेकिन स्थिति को संभालने वाला कोई नहीं था।
काफी देर बाद जब एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा, तो विधायक का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि “अगर जनता और विधायक को ही जाम खुलवाना है, तो पुलिस का क्या काम है?” गुस्साए विधायक खुद अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए और जाम खुलवाया और फिर सीधे पास ही स्थित एसीपी लोनी के कार्यालय पहुंच गए।
#गाजियाबाद की लोनी से MLA नंद किशोर गुर्जर फिर से गुस्से में है, उनका आरोप है कि 20 से 22 साल में नए लड़को (दरोगा) को पैसे लेकर चौकी इंचार्ज बनाया जा रहा है,अनुभवी पुलिसकर्मी पुलिस लाइन में पड़े हैं। ये लोग जनप्रतिनिधियों से सही व्यवहार नहीं करते । मैं CM के यहां धरने पर बैठूंगा pic.twitter.com/LjWATMTABG
— Harish Sharma (@Sharma39Harish) September 13, 2025
लेकिन यहां तो स्थिति और भी चौंकाने वाली थी। एसीपी कार्यालय में मौजूद नहीं थे और किसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त थे। यह सुनकर विधायक और भी भड़क गए। उन्होंने अधिकारी को फोन पर फटकार लगाई और कहा कि वरिष्ठ अधिकारी हमेशा मीटिंग और वीसी का बहाना बनाकर जनता और जनप्रतिनिधियों को टालते हैं।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर यहीं नहीं रुके। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि गाजियाबाद में पदों की नीलामी हो रही है। उनका दावा है कि दो-दो लाख रुपये में चौकियां बेची जा रही हैं, पैसे लेकर नए लड़कों की तैनाती की जा रही है, और अनुभवी पुलिस सब-इंस्पेक्टरों की तैनाती नहीं की जा रही है, यह सारा खेल वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में चल रहा है।
विधायक ने यहां तक कहा कि उनके पास पैसे लेकर चौकियां देने के खेल की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है जो उन्होंने कुछ नए चौकी प्रभारियों से बातचीत के दौरान रिकॉर्ड की थी। उन्होंने उन्हें चुनौती देते हुए कहा, “हिम्मत है तो इसकी जांच करा लो, सबके चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।”
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गुर्जर का आरोप है कि गाजियाबाद के आला पुलिस अधिकारी न तो जनता की सुनते हैं और न ही जनप्रतिनिधियों की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “यहां सीपी हो, एसीपी हो या कोई और बड़ा अधिकारी, किसी को भी फील्ड की परवाह नहीं है। वे कुर्सियों पर बैठकर वीसी करने में व्यस्त हैं। जनता सड़क पर मरती रहती है, विधायक जाम में फंसते रहते हैं, किसी को परवाह नहीं है।”
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यहां तो अधिकारी सांसद से भी सीधे मुंह बात नहीं करते, विधायक की तो बात ही छोड़ दीजिए, आम जनता से क्या बात करेंगे। अधिकारी फील्ड में नहीं आ रहे हैं, और वीसी के बहाने व्यस्त हैं। एसीपी झोला लेकर बैठे हैं और ज़मीन के विवाद पैसे लेकर आला अधिकारियों द्वारा सुलझाए जा रहे हैं।
आक्रोशित विधायक ने चेतावनी दी कि अगर हालात ऐसे ही रहे और चौकियों की इस खरीद-फरोख्त पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस मामले पर सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे। वहीं, माना जा रहा है कि विधायक के ये बयान गंभीर रूप ले सकते हैं।