बीएचयू प्रोफेसर पर हमले का खुलासा (सोर्स- सोशल मीडिया)
BHU Professor Attack: बीएचयू के तेलगु विभाग के HOD पर हुए जानलेवा हमले का मुख्य साजिशकर्ता उसी विभाग का पूर्व विभागाध्यक्ष निकला। इस घटना में शामिल एक हमलावर पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया और उसके कब्जे से एक अवैध पिस्तौल और कारतूस बरामद किए गए। जबकि एक अन्य आरोपी को तेलंगाना से ट्रांजिट रिमांड पर गिरफ्तार किया गया है।
बीएचयू परिसर में कुछ दिन पहले प्रोफेसर पर हमला करने वाले हमलावरों की तलाश में मंगलवार को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर तलाशी अभियान और सघन चेकिंग के दौरान सत्कार होटल के विपरीत दिशा में अशोक पुरम कॉलोनी जाने वाली सड़क पर मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल आरोपी का बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।
दरअसल, 28 जुलाई को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, बीएचयू के तेलुगु विभागाध्यक्ष सी.एस. रामचंद्रमूर्ति ने स्थानीय थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उपरोक्त तिथि को वे अपनी मोटरसाइकिल से बिरला ग्राउंड के पास अपने आवास की ओर जा रहे थे, तभी पीछे से मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने बिरला ग्राउंड बीएचयू परिसर के अंदर सड़क पर उन्हें रोक लिया और जान से मारने की नीयत से रॉड से हमला कर दिया।
इस घटना में उनके दोनों हाथ फ्रैक्चर हो गए और उनका इलाज ट्रामा सेंटर बीएचयू में चल रहा है। सूचना के आधार पर स्थानीय थाने पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया तथा घटना में संलिप्त अज्ञात अभियुक्तों की पहचान एवं गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय थाने से एक पुलिस टीम गठित की गई।
घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि सर्विलांस टीम की मदद एवं प्राप्त गोपनीय सूचनाओं के आधार पर मंगलवार की रात्रि में सघन चेकिंग के दौरान घटना में संलिप्त अभियुक्त को पुलिस टीम द्वारा घेर लिया गया। स्वयं को घिरा हुआ देखकर अभियुक्त ने पुलिस बल पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल हो गया, जिसे मौके से धर दबोचा गया।
इस मामले में तेलंगाना से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए आरोपी बुटपुर भास्कर उर्फ बी भास्कर पुत्र तिमय्या ने पूछताछ में घटना की पूरी जानकारी दी। भास्कर ने मुख्य आरोपी वेंकटेश लू से अपनी जान-पहचान की कहानी बताते हुए कहा कि उन्होंने मुझे मई में बुलाया था और मैं उनके साथ लगभग एक सप्ताह तक रहा।
इसी दौरान कैमूर विश्वविद्यालय में कार्यरत काशिम बाबू आए थे। काशिम बाबू और प्रो. वेंकटेश ने बताया कि प्रो. सीएस रामचंद्र मूर्ति ने लोगों से शिकायत करके प्रो. वेंकटेश को विभागाध्यक्ष पद से हटवा दिया। काशिम स्थायी सहायक प्रोफेसर बनना चाहता था। दोनों ने कहा कि प्रो. रामचंद्र मूर्ति को रास्ते से हटा दो। काशिम बाबू मुझे प्रो. मूर्ति को मारने के लिए बार-बार फोन करता था।
मैंने यह सब अपने मकतल में रहने वाले अपने दोस्त मोहम्मद काशिम को बताया। हम दोनों बनारस आए मेरी मुलाकात प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसने कुछ स्थानीय लोगों को बुलाया, जिन्हें मैं नहीं जानता। इसी दौरान हत्या के लिए सौदा तय हुआ, जिन्हें मेरा दोस्त काशिम और गणेश जानते हैं।
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आरोपी बुटपुर भास्कर ने आगे बताया कि 26 जुलाई को रेकी की गई और 28 जुलाई को प्रोफेसर राम मूर्ति पर जान से मारने की नीयत से हमला किया गया, लेकिन वे बच गए और उनके दोनों हाथ टूट गए हम वहां से भाग गए। पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी ने बीएचयू परिसर में प्रोफेसर पर हुए जानलेवा हमले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इस जानलेवा हमले को अंजाम देने में सूरज दुबे, प्रद्युम्न यादव और विशाल यादव तथा वेदांत भूषण मिश्रा ने भी गणेश, भास्कर और कासिम का साथ दिया।