बांके बिहारी मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Banke Bihari Temple Toshakhana Controversy: उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी जी मंदिर के वर्षों से बंद तोशाखाना (खजाने के कमरे) के खुलने के बाद उपजा विवाद गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कमरे को खोले जाने पर भक्तों और स्थानीय लोगों द्वारा अपेक्षित अरबों रुपये के सोने, चांदी, हीरे-जवाहरात और संपत्ति के महत्वपूर्ण कागजात नहीं मिले, जिससे सनातनी हिंदू समाज और ब्रजवासी संतों में भारी रोष फैल रहा है। अब इसकी जांच के लिए मामला पीएम मोदी से लेकर सीबीआई तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी ने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें तुरंत सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि सरकारी सील की अनुपस्थिति का लाभ उठाकर कुछ व्यवस्थापकों ने सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा दान की गई बहुमूल्य संपत्ति की चोरी की है।
फलाहारी जी महाराज ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि दोषियों की संपत्ति की भी जांच कराई जाए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 अक्टूबर 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस विषय पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। संत समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि करोड़ों श्रीकृष्ण भक्तों की भावनाओं को समझते हुए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच जल्द शुरू नहीं की गई, तो वे और अन्य साधु-संत आमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।
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बांके बिहारी जी मंदिर के तोशाखाना को लेकर चल रहे विवाद पर कमिटी के अध्यक्ष ने कहा कि विवाद हर घर में होता है। जब तक उस पर कोई निराकरण नहीं आता है, तब तक अंत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कमिटी की ओर से निराकरण का प्रयास करेंगे। कमिटी अपने क्षेत्राधिकार में रहते हुए विचार करेगी। कमिटी अध्यक्ष ने कहा कि कुछ ऐसे स्थल हैं, जहां पिछले कुछ वर्षों में मंदिर का चढ़ावा आया है। उसके बारे में चर्चा हुई है।