बांके बिहारी मंदिर, फोटो- सोशल मीडिया
VIP Entry Banned in Banke Bihari Temple: बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी संस्कृति पूरी तरह खत्म कर देने के पीछे की मकसद है कि हर भक्त को समान रूप से दर्शन का अवसर मिले और भीड़ प्रबंधन में सुधार किया जा सके। बैठक में यह भी तय किया गया कि अब मंदिर परिसर में वीआईपी गैलरी को पूरी तरह से हटाया जाएगा।
बांके बिहारी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है, ताकि भीड़ को नियंत्रित करने में सहूलियत हो। इसके साथ ही कई और व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन किए गए हैं। अब दर्शन और आरती के समय में भी बदलाव देखने को मिलेगा।
मंदिर प्रशासन की इस बैठक में जो सबसे अहम फैसला लिया गया वो यह कि अब मंदिर में वीआईपी दर्शन के लिए जारी की जाने वाली विशेष पर्चियां पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। सभी श्रद्धालु एक ही कतार में समान रूप से दर्शन कर सकेंगे। साथ ही यह भी तय किया गया कि मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार निर्धारित होंगे। यानी प्रवेश केवल एक निर्धारित गेट से ही होगा और बाहर निकलने के लिए अलग गेट का उपयोग किया जाएगा।
गर्मी और सर्दी दोनों मौसमों में मंदिर के दर्शन और आरती के समय को फिर से निर्धारित किया गया है।
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समयावधि
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गर्मियों में (अप्रैल – सितंबर)
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सर्दियों में (अक्टूबर – मार्च)
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सुबह की आरती
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7:00 AM से 7:15 AM तक
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8:00 AM से 8:15 AM तक
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सुबह/दोपहर दर्शन
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सुबह से दोपहर 12:30 PM तक (दोपहर 12:00 PM से 4:00 PM बंद)
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सुबह से दोपहर 1:30 PM तक (दोपहर 1:00 PM से 4:00 PM बंद)
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दोपहर की आरती
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12:45 PM
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1:45 PM
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शाम की आरती और दर्शन
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4:15 PM से रात 9:30 PM तक
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4:00 PM से रात 9:15 PM तक
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बैठक में यह भी तय किया गया कि मंदिर परिसर में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड्स के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की जाएगी। सभी गार्ड्स और पुलिसकर्मी अपने तय स्थानों पर ही ड्यूटी करेंगे। अगर कोई अपने निर्धारित स्थान से हटकर पाया गया, तो उस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
मौजूदा प्राइवेट सिक्योरिटी को हटाकर अब अच्छी प्रतिष्ठित एजेंसी या रिटायर्ड सैनिकों की सुरक्षा एजेंसी को लाने की योजना भी तैयार की गई है।
श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कतारबद्ध प्रणाली लागू की जाएगी। साथ ही मंदिर की कार्यवाही और दर्शन की लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे जो लोग मंदिर नहीं आ सकते, वे भी ऑनलाइन दर्शन कर सकें। प्रवेश और निकास को अलग-अलग द्वारों से सुनिश्चित किया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तीन दिनों के भीतर यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
बैठक में यह भी तय हुआ कि बांके बिहारी मंदिर के पास कितनी चल और अचल संपत्ति है, इसकी पूरी जानकारी अगले 15 दिनों के भीतर समिति के सामने रखी जाएगी। साथ ही 2013 से 2016 के बीच के वित्तीय लेन-देन का विशेष ऑडिट भी कराया जाएगा।
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परिसर के आस पास के लोगों की मानें तो इस फैसले के बाद अब बांके बिहारी मंदिर में हर भक्त को बिना भेदभाव के भगवान के दर्शन करने का मौका मिलेगा। यह कदम मंदिर प्रशासन द्वारा समानता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।