आजम खान (सोर्स- सोशल मीडिया)
Azam Khan: बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड से जुड़े एक मामले में जेल में बंद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आज़म खान को सेना के बारे में अपनी विवादित टिप्पणी से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली। MP-MLA मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सबूतों की कमी के कारण आज़म खान को बरी कर दिया। फैसले के दौरान आज़म खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुए। बरी होने पर उन्होंने कोर्ट का शुक्रिया अदा किया।
साल 2017 में सपा नेता आजम खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन पर सेना के बारे में विवादित बयान देने का आरोप लगा था। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 29 जून 2017 को आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आजम खान ने सेना के अंदर हिंदू-मुस्लिम फूट डालने और सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश की थी।
जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई MP-MLA मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट में हुई। दोनों पक्षों की दलीलें 1 दिसंबर को पूरी हो गईं। कोर्ट ने फैसले के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की थी। गुरुवार को आजम खान जिला जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सबूतों की कमी के कारण उन्हें बरी कर दिया।
बचाव पक्ष के वकील मोहम्मद मुरसलीन ने बताया कि अभियोजन पक्ष सेना के बारे में विवादित टिप्पणियों से जुड़े मामले में आरोप साबित करने में नाकाम रहा। वे यह भी साफ नहीं कर पाए कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कब और किसकी मौजूदगी में हुई थी। सबूतों की कमी के कारण कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में साल 2017 में सपा सरकार जाने के बाद से आजम खान के ऊपर मुकदमों की बाढ़ आ गई। उनके ऊपर कुल 111 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 13 मामलों में फैसला आ चुका है। जबकि बाकी मामले अब तक अदालतों में विचाराधीन हैं।
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SP नेता आज़म खान रामपुर विधानसभा क्षेत्र से दस बार विधायक चुने गए हैं। वह चार बार राज्य में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 2019 में, उन्होंने रामपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उनकी पत्नी, डॉ. तज़ीन फातिमा भी विधायक और राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं।