समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
Akhilesh Yadav Remark on Yogi Government: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक भाजपा कार्यकर्ता की पुलिस लाठीचार्ज में हुई मौत ने सूबे की सियासत को गरमा दिया है। इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को भाजपा की “आपसी और अंदरूनी लड़ाई” का नतीजा बताते हुए सवाल किया है कि इसका खामियाजा एक आम कार्यकर्ता क्यों भुगते। अखिलेश ने कहा कि जो पुलिस अब तक दूसरों पर कहर बरपा रही थी, अब वह अपने ही लोगों की जान लेने लगी है।
यह पूरा मामला गाजीपुर जिले के नोनहरा थाने का है, जहां मंगलवार रात एक धरने के दौरान हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू (35) गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गुरुवार तड़के उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद उपजे आक्रोश को देखते हुए गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इराज राजा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक समेत 11 पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया है, जिसमें 6 को निलंबित कर दिया गया है और 5 को लाइन हाजिर किया गया है।
अब तक उप्र भाजपा सरकार की पुलिस ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड-पर-रिकॉर्ड बना रही थी, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने शुरू हो गये हैं। अब जब अपने लोग मारे गये तो भाजपाइयों को इतने सालों से मारे जा रहे लोगों का दर्द समझ आया है। हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का… pic.twitter.com/wxzwB7znEU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 12, 2025
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर योगी सरकार पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अब तक यूपी भाजपा सरकार की पुलिस ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड-पर-रिकॉर्ड बना रही थी, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने शुरू हो गये हैं। अब जब अपने लोग मारे गये तो भाजपाइयों को इतने सालों से मारे जा रहे लोगों का दर्द समझ आया है।” उन्होंने आगे कहा कि हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का नागरिक और एक इंसान है, और ऐसी हर मौत के लिए पुलिस की घोर निंदा होनी चाहिए।
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अखिलेश यादव ने इस घटना के पीछे एक बड़ी साजिश की ओर इशारा किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “सवाल ये भी है कि यूपी की पुलिस को भाजपा और उनके संगी-साथियों व अन्य आनुषंगिक संगठनों पर प्रहार करने के पीछे कौन है।” उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए यह तीखा सवाल दागा कि “आपसी और अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा कोई भी क्यों भुगते।” उनके इस बयान ने यूपी की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें सत्ताधारी दल के भीतर की खींचतान पर भी सवाल उठने लगे हैं।