अखिलेश यादव, ओपी राजभर और सीएम योगी
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द होने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसको राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। सपा नेता ने कहा कि सिर्फ समाजवादियों की ही सदस्यता रद्द की जा रही है, जबकि वो लोग जो डीएनए पूछते हैं, उनको कोई नुकसान नहीं होता।
अखिलेश यादव आरोप लगाया कि अब्बास अंसारी की विधायकी जानबूझकर रद्द की गई। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार जाति और राजनीतिक विचारधारा के आधार पर फैसले कर रही है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कुछ लोगों को खास तौर पर निर्णय लेने के लिए नियुक्त किया गया है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गलत है।
सपा प्रमुख ने पूर्व सहयोगियों पर निशाना साधते हुए लॉयल्टी बदलने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि हमारे साथ जीत कर आए लोगों ने लॉयल्टी बदल ली। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र की भाषा में ‘खोखा’ लेकर लॉयल्टी बदलने का किस्सा तो आपने सुना होगा। उत्तर प्रदेश की राजनीति में हमने ये होता देखा है। अखिलेश यादव के इस बयान को ओपी राजभर से जोड़कर देखा जा रहा है, जो पहले सपा गठबंधन में थे।
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बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के साथ राजभर की सुभासपा भी चुनावी मैदान में उतरी थी। बाद में सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर सपा से अलग होकर एनडीए में शामिल हो गए और योगी सरकार में मंत्री भी बन गए। सुभासपा से ही अब्बास अंसारी विधायक बने थे।