मुसलमानों की इबादतगाह को मस्जिद कहा जाता है। दुनियाभर में कई प्रसिद्ध और खूबसूरत मस्जिदें हैं जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। यह यूरोपीय देशों से लेकर एशियाई देशों में फैली हुई हैं।
मुसलमानों की इबादतगाह को मस्जिद कहा जाता है। दुनियाभर में कई प्रसिद्ध और खूबसूरत मस्जिदें हैं जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। यह यूरोपीय देशों से लेकर एशियाई देशों में फैली हुई हैं। धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ यह स्थापत्य और कला का खूबसूरत नमूना है। आज हम आपको दुनिया की कुछ ऐसी ही खूबसूरत मस्जिदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मस्जिद अल हरम दुनिया की सबसे बड़ी और खूबसूरत मस्जिद है। यह करीब साढ़े तीन लाख वर्ग किमी में फैली हुई है। इस मस्जिद के अंदर काबा है जो इस्लाम धर्म का मुख्य पवित्र स्थल है। यहां पर गैर मुस्लिम पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं है। बता दें कि इस मस्जिद का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था।
शेख जायद मस्जिद अबू धाबी में है जो दुनिया की बड़ी मस्जिदों में शामिल है। यह अपनी खूबसूरती और आकार की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसमें इमारतों की सजावट के लिए रंगीन संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 24 कैरेट सोने का चमकदार झूमर भी है। इसमें हाथ से बुना हुआ कालीन बिछाया गया है।
नासिर अल मुल्क मस्जिद ईरान के शिराज में स्थित है। यह अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस मस्जिद को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि प्रकाश और इबादत आपस में जुड़ सके। इसे बनवाने का आदेश मिर्जा हसन अली मोल्क ने दिया था जो काजर राजवंश के राजा थे। इसे बनने में करीब 12 साल लगे थे।
सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रूनेई की राजधानी में स्थित है। इसका बाहरी डिजाइन बहुत ही भव्य है। इसके आसपास के क्षेत्र में बैठने की व्यवस्था है। इस मस्जिद में केवल प्रार्थना के समय आने की अनुमति है। यह दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक है।
सुल्तान अहमद मस्जिद 17वीं शताब्दी में बनी थी जिसमें 6 मीनारें हैं। इसकी नीली टाइलें इंटीरियर की शोभा बढ़ाती है। सुल्तान मस्जिद को ब्लू मस्जिद भी कहा जाता है। इसके मुख्य द्वार पर सिर्फ उपासक ही प्रवेश कर सकते हैं। पर्यटकों को रोजाना प्रार्थना के समय बाहर रुकना पड़ता है।
दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनी हुई है। पर्यटक इस मस्जिद में प्रवेश कर सकते हैं लेकिन इसके अंदर तस्वीरें खींचना मना है। इस मस्जिद को मुगल शहंशाद शाहजहां ने बनवाया था।