
स्नैक टूरिज्म (सौ. फ्रीपिक)
New Travel Trends: पर्यटन के रुझान आमतौर पर किसी विशेष रुचि के इर्द-गिर्द घूमते हैं जैसे कि एडवेंचर टूरिज्म रोमांच पसंद करने वालों को ट्रेकिंग और बंजी जंपिंग जैसी खेलों और एड्रेनालाईन बढ़ाने वाली गतिविधियों से आकर्षित करता है। इसी तरह एस्ट्रो टूरिज्म उन लोगों को आकर्षित करता है जो अलौकिक अनुभवों की तलाश में हैं जिनमें तारों को देखना और अंधेरे आकाश वाले स्थलों की यात्रा करना शामिल है।
इसी तरह एक और ट्रेंड है जो खाने के शौकीनों को बेहद आकर्षित कर रहा है। इसे स्नैक टूरिज्म कहा जाता है जिसमें आप छोटे-छोटे व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते हैं और स्थानीय, मशहूर और अति-स्थानीय स्नैक्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
भारत में स्नैक टूरिज्म को देश की समृद्धि और विविध स्ट्रीट फूड संस्कृति के कारण गति मिल रही है। शांत गलियां हो या चहल पहल आपको हमेशा कोई न कोई स्नैक मिल जाएगा जो सांस्कृतिक इतिहास की कहना बयां करता है।
इंदौर का पोहा जलेबी, भुट्टे की कीस, साबूदाना खिचड़ी काफी ज्यादा फेमस है जिसे खाने के लिए सराफा बाजार या चप्पन दुकान जा सकते हैं।

अमृतसर में मिलना कुल्चा, आलू टिक्की, पनीर पकोड़ा और लस्सी का लुत्फ उठाना लोग दूर दूर से आते हैं।
कोलकाता में पुचका, काठी रोल, झालमुरी और तेल बाझा आदि बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं।
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अहमदाबाद में खाखरा, फाफड़ा जलेबी, खांडवी और ढोकला बहुत ही फेमस है।
बेंगलुरु का डोसा, मेदू वडा, चटनी पुड़ी इडली और मंगलौर बन काफी ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
स्नैक टूरिज्म किसी भी पर्यटन स्थल को एक एक निवाले के जरिए अनुभव करने का एक अनूठा तरीका है। स्ट्रीट फूड का अधिकांश हिस्सा स्थानीय संस्कृति से प्रभावित होता है और कभी-कभी यह संस्कृति को भी प्रभावित करता है। अपनी ऊर्जा और मूड के अनुसार आप डेस्टिनेशन का चुनाव कर सकते हैं।
चाहे वह कोलकाता के पारंपरिक स्नैक्स हों या अहमदाबाद के शाकाहारी स्नैक्स। हर शहर की अपनी एक पाक कला की कहानी होती है और स्नैक टूरिज्म इसे जानने के कई तरीकों में से एक है।






