मारुति कार (सौ. सोशल मीडिया)
Dronagiri Village: भारत में कई गांव अपनी अनोखी परंपराओं और रीति रिवाजों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां एक गांव ऐसा भी है जहां पर कोई भी मारुति की गाड़ियां नहीं आ सकती हैं। यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लग रही होगी लेकिन यह बिल्कुल सच है। इस अनोखे गांव में मारुति की कारों पर पूरी तरह से पाबंदी है।
यह गांव महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है जहां पर हनुमान जी का नाम लेना भी पाप माना जाता है। यहां पर लोग भगवान हनुमान की नहीं बल्कि उनके शत्रु निंबा दैत्य की पूजा करते हैं। इस गांव में लाल झंडे पर रोक और मारुति गाड़ियों पर लगी पाबंदी से जुड़े नियम सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा।
महाराष्ट्र का द्रोणगिरि गांव में लोगों का कहना है कि जब लक्ष्मण जी मूर्क्षित हुए थे तो उन्हें बचाने के लिए हनुमान जी ने जिस पर्वत को संजीवनी बूटी लेने के लिए उठाया था वह यहीं पर स्थित था। इस घटना की वजह से गांव के लोग हनुमान जी से नाराज हो गए।
मान्यता के अनुसार बजरंगबली ने पर्वत उठाया और पहाड़ देवता की साधना भंग हो गई। पर्वत ले जाते समय उन्होंने देवता की दाई भुजा भी उखाड़ दी और तभी से गांव में लाल झंडा लगाना मना है। क्योंकि पर्वत से बहा लाल रंग आज भी खून माना जाता है। गांव के लोग किसी भी शुभ काम को करने से पहले निंबा दैत्य की पूजा करते हैं।
यह भी पढ़ें:- उज्जैन के इस गणेश मंदिर में भगवान राम ने की थी पूजा, गणेश उत्सव पर जरूर करें दर्शन
इस गांव में गाड़ी लाई जा सकती है लेकिन मारुति की गाड़ी यहां नहीं आ सकती है। क्योंकि हनुमान का दूसरा नाम मारुति भी है। जिसकी वजह से इस गांव के लोग मारुति गाड़ी नहीं आने देते हैं। अगर कोई कार गलती से आती है तो गांव के लोग उसे नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इसके अलावा इस गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी उस जगह नहीं करते हैं जहां पर हनुमान जी की पूजा की जाती है।