
कंथलूर केरल (सौ. सोशल मीडिया)
Kanthalloor: केरल की खूबसूरती भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। उसी के पास एक छोटी सी जादुई जगह भी है जिसे केरल का कश्मीर कहा जाता है। यह जगह मुन्नार से कुछ ही दूरी पर है जो पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। सर्दियों की छुट्टियों में इस शांत गांव का रुख किया जा सकता है। जहां चारों तरफ हरियाली, फलों के बाग, पहाड़ और स्वच्छ वातावरण है।
कंथलूर को केरल का कश्मीर कहा जाता है क्योंकि यह जगह अपने ठंडे मौसम, हरे-भरे पेड़, पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह मुन्नार के पास स्थित है। यहां पर आपको कई सेब, संतरे और स्टॉबेरी जैसे फलों के पेड़ नजर आएंगे। यह जगह अपने शांत वातावरण के लिए जानी जाती है।
कंथलूर घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च के बीच का है क्योंकि इस समय हवा ठंडी होती है और पहाड़ की सुंदरता मन को मोह लेती है। दक्षिण भारत की गर्मी को यहां आकर आप भूल जाएंगे।
मुन्नार से करीब 55 किमी दूर मुनियरा डोलमेंस है जहां नवपाषाण युग के विशाल पत्थर के दफन कक्ष हैं। ये जगह लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां पर आप अपनी छुट्टियों को शांति में बिता सकते हैं। यह गांव जैविक खेतों, फलों के बागों, पक्षियों से भरा हुआ है। यहां चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य या अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान घूम सकते हैं।
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कंथलूर और मरायूर केरल में एकमात्र ऐसे स्थान हैं जहां चंदन के पेड़ स्वाभाविक रुप से उगते हैं। सरकार द्वारा इन जंगलों की रक्षा की जाती है जहां हवा में हल्की मीठी और मिट्टी जैसी गंध होती है। यहां पर स्थानीय लोग चंदन को लिक्विड गोल्ड कहते हैं।
12 साल के बाद कंथलूर में नीलकुरिंजी के फूल खिलते हैं। यह इतने दुर्लभ होते हैं कि दुनियाभर से यात्री इसे देखने के लिए आते हैं। पिछली बार यह फूल साल 2018 में खिला था और इसके बाद अब इसे 2030 में देखा जा सकता है।






