असम माजुली द्वीप (सौ. सोशल मीडिया)
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग किसी शांत, प्रकृति से भरपूर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जगह की तलाश में रहते हैं। ऐसे में असम का माजुली द्वीप एक मानसून के समय एक परफेक्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। यह जगह ब्रह्मपुत्र नदी के बीचो-बीच बसी हुई है जिसे दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप कहा जाता है। यहां की हरियाली, सुंदरता और सादगी लोगों को आकर्षित करती है।
माजुली द्वीप न केवल प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है बल्कि यह मठों की परंपरा, लोक कला और वैष्णव संस्कृति भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अगर आप इस बार कुछ अलग अनुभव करना चाहते हैं तो माजुली घूमने का प्लान कर सकते हैं।
साल 2016 में माजुली द्वीप को दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप के रूप में घोषित किया गया था। जिसके बाद इस द्वीप की प्रसिद्धि काफी बढ़ गई। पर्यटक इस जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। यह द्वीप धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं की झलक को पेश करता है। वाइल्ड लाइफ के शौकीन लोगों के लिए माजुली द्वीप परफेक्ट स्पॉट है। यहां पर आप ढेरों पक्षियों की प्रजातियों को देख सकते हैं।
इस द्वीप पर वाइब्रेंट हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट का मजा ले सकते हैं। यहां पर मौजूद मिसिंग समुदाय अपनी जटिल बुनाई के लिए जाना जाता है। यहां के गांव में आप पारंपरिक असमिया तौलिए गमोचा और मेखला चादर खरीद सकते हैं। बता दें कि मेखला चादर असमिया महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली पारंपरिक पोशाक है।
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अगर आप असम के माजुली द्वीप जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले जोरहाट पहुंचना होगा। यहां से माजुली की दूरी करीब 20 किमी है। इसके बाद फेरी से आगे की यात्रा करनी होगी। यह अनुभव पर्यटकों के लिए काफी मजेदार होता है।
प्राकृतिक खूबसूरती, शांति, सुकून और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने के लिए असम के माजुली द्वीप पर घूमने का प्लान किया जा सकता है। यहां के शानदार और आकर्षक नजारे लोगों को दीवाना कर देते हैं।