सोमनाथ मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Sawan 2025: हर साल सावन मास में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। ऐसे पावन महीने में भगवान शिव की आराधना करना व व्रत विशेष फलदायक होता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत, रुद्राभिषेक और मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। यूं तो भारत के हर कोने में भगवान शिव के कई मंदिर मौजूद हैं। लेकिन आज हम आपको उन मंदिरों के बारे में बताएंगे जो गुजरात में स्थित हैं।
गुजरात में मौजूद कुछ शिव मंदिर अपनी धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। सावन में गुजरात या उसके आसपास रहने वाले लोग इन मंदिरों के दर्शन करने का मन बना सकते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव के इन मंदिरों के दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इन प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन करने आप परिवार या पार्टनर के साथ जा सकते हैं।
गुजरात का प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह वेरावल के प्रभाव पाटन में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्रदेव सोमराज ने करवाया था। जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। समुद्र के किनारे बसा यह मंदिर बहुत ही अलौकिक है। सावन में यहां पर हजारों भक्तों की भीड़ लगती है। यहां पर भक्त भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने के लिए आते हैं।
यह मंदिर नर्मदा नदी के तट पर पोइचा गांव में स्थित है। नीलकंठधाम मंदिर भरूच से करीब 80 किमी और वडोदरा से 60 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान द्वारा श्री धर्मवल्लभदासजी स्वामी के मार्गदर्शन में किया गया है। इस विशाल मंदिर को देखने के लिए परिवार के साथ जा सकते हैं।
गुजरात के सौराष्ट्र तट पर द्वारका में स्थित शिव जी का मंदिर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। द्वारका से करीब 17 किमी दूर स्थित यह मंदिर भगवान शिव के नीलकंठ रूप को समर्पित है। सावन के सोमवार को यहां पर विशेष रुद्राभिषेक किया जाता है। यहां पर परिवार के साथ दर्शन करने के लिए एक बार जरूर जाएं।
यह भी पढ़ें:- सावन में परिवार के साथ इन जगहों पर करें भोलेनाथ के दर्शन, भक्तों की लगती है भीड़
गुजरात के प्राचीन मंदिरों में से एक सोमनाथ मंदिर से करीब 15 किमी दूर स्तंभेश्वर महादेव मंदिर बहुत ही अनोखा है। यहां पर दिन में दो बार भगवान शिव आंखों से ओझल हो जाते हैं। समुद्र के पास स्थित होने की वजह से यह मंदिर जलाभिषेक खुद करता है। इस वजह से इसे देखने लोग दूर दूर से आते हैं।
गुजरात के इन प्रसिद्ध और प्राचीन शिव मंदिरों के दर्शन करने का सावन से शुभ अवसर और क्या हो सकता है। इस समय यहां पर भोलेनाथ के दर्शन करने से जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।