बेड पर फोन इस्तेमाल करना हो सकता है बुरा। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोने से पहले फोन देखने की आपकी आदत सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है? हाल ही में प्रकाशित एक रिसर्च में सामने आया है कि यह आदत आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है और हर उम्र के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
JAMA जर्नल में प्रकाशित एक विस्तृत रिसर्च में इस विषय पर गहराई से अध्ययन किया गया। यह रिसर्च लगभग दो साल तक चली, जिसमें 1.22 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि जो लोग सोने से पहले फोन का उपयोग करते हैं, उनकी नींद की गुणवत्ता अन्य लोगों की तुलना में 33% तक खराब पाई गई। यानी कि फोन देखने से गहरी और शांत नींद लेने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है।
रिसर्च के मुताबिक, सोने से पहले फोन और अन्य स्क्रीन वाले डिवाइस देखने की आदत हर उम्र के लोगों को नुकसान पहुंचा रही है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग—सभी पर इसका असर देखा गया है। फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जो नींद लाने में मदद करता है। इसकी वजह से लोग देर से सोते हैं और उनकी नींद की अवधि कम हो जाती है।
यह रिसर्च सोने से पहले फोन देखने और उसकी वजह से नींद पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अब तक की सबसे बड़ी स्टडी मानी जा रही है। इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि सप्ताह के अलग-अलग दिनों में नींद पर कितना असर पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, वीकडेज में लोगों की नींद सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है।
स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से रात को फोन देखते हैं, वे हर हफ्ते औसतन 50 मिनट कम सो पाते हैं। इसका मतलब है कि नींद की कमी से न केवल स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि ऑफिस या अन्य कामों में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
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अगर आप भी सोने से पहले फोन देखने की आदत से जूझ रहे हैं, तो इसे जल्द से जल्द बदलना जरूरी है। अच्छी नींद बेहतर स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए बेहद जरूरी होती है।