Star Heath में कई तरह की चीजें हो रही है। (सौ. Star Health)
नवभारत डिजिटल डेस्क. समय जैसे आगे जा रहा है, वैसे ही स्टार हेल्थ डेटा लीक का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पहले कंपनी ने इस डेटा लीक से बिल्कुल इनकार कर दिया था, लेकिन कंपनी की पुष्टि के बाद इस खबर को पुख्ता भी किया गया। जिसमें कहा गया कि डेटा लीक में उसकी कंपनी का ही अधिकारी शामिल था। इस डेटा लीक में टेलीग्राम बाद में मेज़बान बना क्योंकि डेटा लीक का पूरा खेल टेलीग्राम बॉट के माध्यम से ही किया गया था।
टेलीग्राम में शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट में बताया कि वे उन सभी खातों की निगरानी नहीं कर सकते हैं जो बॉट ऑपरेट करते हैं। उसने यह भी कहा कि केवल उन विवादित कंटेंट को ब्लॉक किया जा सकता है जिन्हें चिन्हित कर रिपोर्ट में दिया गया है। बता दें कि 20 सितंबर को एक हैकर ने टेलीग्राम चैटबॉट्स और एक वेबसाइट का इस्तेमाल करके स्टार हेल्थ का डेटा लीक कर दिया था, जिसमें लोगों के बायोमेट्रिक पहचान पत्र और मेडिकल क्लेम पेपर शामिल थे।
ये भी पढ़े: एक बार फिर Royal Enfield ने तोड़ा रिकॉर्ड, कुछ ही समय में हजारों बाइक की हुई बिक्री
पिछले ही महीने की बात बताएं तो स्टार हेल्थ ने मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया था और टेलीग्राम से संबंधित सभी बॉट्स को हटाने का आदेश लेकर आज वहां किया गया था। शुक्रवार को सुनवाई में टेलीग्राम ने वकील से कहा कि सभी चैटबॉट्स पर नजर रखना भारतीय कानून का उल्लंघन होगा। टेलीग्राम ने भी इस बात पर सहमति जताई और कंपनी की ओर से सहायता प्राप्त हो तो वह डेटा को हटा देंगे। मद्रास हाई कोर्ट के जज कुमरेश बाबू ने शुक्रवार को बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि विवादित चैटबॉट्स की जानकारी को टेलीग्राम को प्रदान किया जाए और सोशल मीडिया ऐप को उन्हें ब्लॉक करने का आदेश भी दिया गया है।