भारत में UPI को लेकर कुछ बदलाव किए गए है जिसपर RBI governer ने मोहर लगाई है। (सौ. Design)
नवभारत डिजिटल डेस्क. भारतीय रिजर्व बैंक में UPI Lite Wallet और UPI 123Pay के लिए ट्रांजैक्शन लिमिट को सेट कर दिया गया है। डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जिसके बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेंट के दौरान इस अपडेट को शेयर किया और बताया कि उन्होंने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के प्रभाव पर जोर दिया है।
RBI ने कुछ परिवर्तन किए हैं जो इस तरीके से हैं:
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RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस परिवर्तन का उद्देश्य UPI के इस्तेमाल को बढ़ाना है और सभी यूजर्स के लिए सही सुविधा को बनाए रखना है। उन्होंने नए फीचर के प्रभाव के बारे में भी बात की, जो सेंडर को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) सिस्टम के माध्यम से ट्रांसफर पूरा करने से पहले अकाउंट होल्डर का नाम वेरिफिकेशन के लिए अनुमति भी देता है। यह प्रस्ताव भुगतान प्रक्रिया में कर्मियों को धोखाधड़ी से बचाएगा, जिससे आने वाले समय में ऑनलाइन धोखाधड़ी से छुटकारा भी मिल सकता है।
UPI Lite Wallet यूपीआई ट्रांजैक्शन को सरल बनाने के लिए बनाया गया है। यह यूजर्स को 500 तक राशि में अपना यूपीआई पिन दर्ज किए बिना पेमेंट करने की सुविधा देता था, लेकिन अब नई लिमिट को देखते हुए आप 1000 तक का ट्रांजैक्शन बिना यूपीआई पिन के कर पाएंगे। UPI Lite का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स पहले अपने UPI Lite वॉलेट में फंड करते थे। इस फंडिंग के लिए पिछले अधिकृत राशि 2000 होनी चाहिए, हालांकि अभी इसे बढ़ाकर 5000 कर दिया गया है।
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UPI 123Pay फीचर फोन यूजर्स के लिए बनाया गया है, जो यूपीआई पेमेंट को सुविधाजनक बनाने के लिए चार अलग-अलग तरीके प्रदान करता है: