Meta humanoid robots के क्या है सच्चाई। (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा बदलाव आने वाला है, क्योंकि Meta अब इंसानों जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट्स पर काम कर रही है। ये रोबोट खासतौर पर घरेलू कामों में सहायता करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी इस प्रोजेक्ट के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकसित कर रही है। इस दिशा में तेजी लाने के लिए Meta के Reality Labs डिविजन में एक नई टीम बनाई गई है और इस साल करीब 100 इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी। आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारियां।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Meta सीधे तौर पर ह्यूमनॉइड रोबोट्स को बाजार में नहीं उतारेगी, बल्कि इनके लिए आवश्यक AI सिस्टम, सेंसर और सॉफ्टवेयर बनाएगी। इसके बाद ये कंपोनेंट्स अन्य कंपनियों को बेचे जाएंगे, जो Meta ब्रांड के तहत रोबोट्स तैयार करेंगी। आसान भाषा में कहें तो Meta इस क्षेत्र में वही रणनीति अपना रही है, जैसी Google और Qualcomm स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए अपनाते हैं।
कंपनी की योजना ऐसे प्रोटोटाइप विकसित करने की है, जिन्हें भविष्य में ह्यूमनॉइड रोबोट के निर्माण के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
Meta पिछले कुछ वर्षों से अपने Reality Labs डिविजन पर भारी निवेश कर रही है। यह वही डिविजन है जिसने Quest VR हेडसेट और Ray-Ban स्मार्ट ग्लासेस जैसे एडवांस टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स विकसित किए हैं। इस साल भी कंपनी ने AI इंफ्रास्ट्रक्चर, ह्यूमनॉइड रोबोट और अन्य इनोवेटिव प्रोडक्ट्स पर 65 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।
Meta अकेली कंपनी नहीं है जो ह्यूमनॉइड रोबोट्स पर काम कर रही है। इस क्षेत्र में पहले ही कई बड़ी टेक कंपनियां उतर चुकी हैं।
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Meta का यह प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी जगत के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि कंपनी अपने ह्यूमनॉइड रोबोट्स को किस रणनीति के तहत बाजार में उतारती है और ये आम लोगों के लिए कितने उपयोगी साबित होते हैं।