Meta यूज करेंगा आपकी फोटो। (सौ. Design)
फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए दुनियाभर के अरबों लोग अपनी यादें साझा करते हैं। लेकिन अब Meta की नई नीति ने प्राइवेसी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया दिग्गज अब सिर्फ सोशल मीडिया पर अपलोड की गई फोटोज ही नहीं, बल्कि आपके फोन की गैलरी में मौजूद निजी फोटोज तक भी पहुंच चाहता है — वो भी बिना आपकी जानकारी के।
हाल ही में कई फेसबुक यूजर्स को एक पॉप-अप नोटिफिकेशन मिला, जिसमें ‘Cloud Processing’ फीचर ऑन करने के लिए कहा गया। अगर आप इसे ऑन करते हैं, तो Meta को आपकी गैलरी स्कैन करने और अनशेयर की गई फोटोज को अपने क्लाउड पर स्टोर करने की अनुमति मिल जाती है।
Meta का दावा है कि इससे आपको “क्रिएटिव सजेशन” जैसे कोलाज, बर्थडे फिल्टर्स और AI-जेनरेटेड रेकमेंडेशन मिलेंगे, लेकिन असल मकसद है आपकी निजी तस्वीरों से Meta AI को ट्रेन करना।
इस फीचर के जरिए Meta आपकी फोटोज से चेहरों की पहचान, लोकेशन, टाइमस्टैम्प और वस्तुओं की पहचान जैसे डेटा निकाल सकता है। कंपनी कहती है कि यह एक ऑप्ट-इन फीचर है, जिसे कभी भी बंद किया जा सकता है, लेकिन सवाल यह है – क्या आम यूजर इसे समझता है?
Meta ने खुद स्वीकारा है कि उसने 2007 से अब तक की सभी पब्लिक फोटोज को AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया है। लेकिन पब्लिक का दायरा क्या है? क्या 13 साल की उम्र में अपलोड की गई तस्वीरें भी अब इस्तेमाल हो रही हैं?
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Meta का यह कदम एक बार फिर दिखाता है कि AI और प्राइवेसी के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। यूजर्स को अब और सतर्क रहना होगा कि कौन-सा फीचर केवल सहूलियत है और कौन उनकी निजता में सेंध लगा सकता है।