AI देश की Economy को कैसे बढ़ा सकता है। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के आने से लोगों को नए-नए फीचर्स का अनुभव हुआ है। इसके साथ ही, वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी इसका बड़ा लाभ होता दिखाई दे रहा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की हालिया वार्षिक बैठक में पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, AI सालाना 2.6 ट्रिलियन डॉलर से 4.4 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान वैश्विक अर्थव्यवस्था में दे सकता है।
हालांकि, AI से होने वाले फायदों के साथ इसके संभावित नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। करियर, समाज और लोगों की जीवनशैली पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विस्टा इक्विटी पार्टनर्स के संस्थापक और सीईओ रॉबर्ट एफ स्मिथ ने इस पर जोर देते हुए कहा कि मौजूदा डिजिटल डिवाइड को खत्म करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
दुनिया में इंटरनेट तेजी से फैल रहा है, लेकिन आज भी 2.5 बिलियन से ज्यादा लोग इसकी पहुंच से दूर हैं। कई लोग फाइनेंस, बैंकिंग, एजुकेशन और हेल्थकेयर जैसी जरूरी डिजिटल सेवाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि विकसित देशों में भी डिजिटल डिवाइड मौजूद है। अमेरिका में लगभग 24 मिलियन लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट तक पहुंच नहीं है।
स्मिथ के अनुसार, AI तीन प्रमुख क्षेत्रों में अवसर प्रदान करेगा। पहला, हार्डवेयर विक्रेताओं को फायदा हो रहा है। दूसरा, Google, Microsoft और Oracle जैसी कंपनियां AI के जरिए व्यापक कनेक्टिविटी दे रही हैं। तीसरा, एंटरप्राइज़ सॉफ्टवेयर विक्रेता नए AI और GenAI समाधानों से मूल्य निर्माण कर रहे हैं।
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AI के विकास के साथ कंपनियां और स्टार्ट-अप नए प्रोडक्ट्स और फीचर्स लाकर हर स्तर पर मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर देश में हर किसी के पास इंटरनेट और AI से जुड़ी शिक्षा व टूल्स की पहुंच हो।