एयर इंडिया (सौ. फाइल फोटो )
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। Boeing 787-8 Dreamliner जैसे आधुनिक विमान का हादसे का शिकार होना इस बात की ओर इशारा करता है कि किसी भी फ्लाइट के दौरान छोटी सी चूक भी बड़े संकट का कारण बन सकती है।
फ्लाइट टेक-ऑफ या लैंडिंग के समय अगर विमान के किसी हिस्से में तकनीकी खराबी आ जाए, जैसे इंजन में फॉल्ट, हाइड्रोलिक फेलियर या ब्रेकिंग सिस्टम में गड़बड़ी, तो हादसे की आशंका बहुत बढ़ जाती है। आज के एयर इंडिया हादसे में भी शुरुआती जांच में यह सामने आया कि टेक-ऑफ के ठीक बाद विमान का पिछला हिस्सा एक पेड़ से टकरा गया, जिससे संतुलन बिगड़ गया और वह हॉस्टल इमारत पर गिर गया।
कई बार पायलट से हुई छोटी सी लापरवाही या कंट्रोल रूम से मिला गलत निर्देश भी हादसे की वजह बन सकता है। उदाहरण के तौर पर, गलत एंगल से टेक-ऑफ करना, रनवे पर स्पीड कंट्रोल न कर पाना या मौसम की चेतावनी को नजरअंदाज करना।
अगर एयरलाइन मेंटेनेंस प्रोटोकॉल का पालन नहीं करती या समय पर तकनीकी जांच नहीं कराती, तो यह गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। एयर इंडिया के इस केस में DGCA ने पहले ही कई बार पुराने विमानों की स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी।
एयर इंडिया की आज की दुर्घटना से एक बड़ा सबक यही है कि विमान सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। चाहे वह तकनीकी टीम हो, पायलट या एयरलाइन मैनेजमेंट — सभी को अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभानी होगी, वरना परिणाम जानलेवा हो सकते हैं।