AI का क्या है भविष्य। (सौ. Pixabay)
Artificial Intelligence on Future Job: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से विकसित हो रही है और इसके प्रभाव अब सीधे तौर पर रोजगार पर दिखने लगे हैं। एंथ्रोपिक के चीफ साइंटिस्ट जेरेड कपलान के अनुसार, आने वाले दो से तीन सालों में AI बड़ी संख्या में व्हाइट कॉलर नौकरियों को प्रभावित कर सकती है। उनका कहना है कि AI न केवल इंसानी कार्यक्षमता को चुनौती देने वाली है, बल्कि यह आगे चलकर खुद ही अपने उन्नत वेरिएंट बनाने में सक्षम हो जाएगी। कपलान का यह बयान तकनीकी दुनिया में हलचल पैदा करने वाला है, क्योंकि यह मानवता के लिए एक गंभीर चेतावनी भी माना जा रहा है।
कपलान का मानना है कि AI इतनी तेज रफ्तार से विकसित हो रही है कि आने वाली पीढ़ी को बहुत जल्दी मशीनों से मुकाबला करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “AI में इस तेजी से सुधार हो रहा है कि नई पीढ़ी को मशीनों से कंपीटिशन करना पड़ेगा। मेरा छह साल का बच्चा है और वह कभी भी एकेडमिक कामों में AI से बेहतर नहीं हो सकता।” उनके इस उदाहरण से यह साफ है कि AI इंसानी क्षमता को पीछे छोड़कर एक नई तरह की तकनीकी प्रतिस्पर्धा शुरू कर रही है।
कपलान ने दावा किया कि 2027 से 2030 का समय AI विकास का सबसे महत्वपूर्ण दौर हो सकता है। इस अवधि तक एआई सिस्टम इतने बुद्धिमान हो जाएंगे कि वे खुद ही अपने सक्सेसर यानी अगले और अधिक उन्नत एआई को डिजाइन और ट्रेन करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, “एक एआई सिस्टम आपके बराबर इंटेलिजेंट है, वह अपने से ज्यादा स्मार्ट एआई बना रहा है और वह अपने से भी ज्यादा स्मार्ट AI तैयार करेगा। यह बहुत डरावनी प्रोसेस है और किसी को नहीं पता यह कहां जाकर रुकेगी।” यह प्रक्रिया न केवल अवसर लाती है, बल्कि अभूतपूर्व जोखिम भी पैदा कर सकती है।
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कपलान ने AI से जुड़े दो प्रमुख खतरों की ओर इशारा किया:
यदि भविष्य में एआई इंसानों के आदेश मानने से इनकार कर दे या स्वायत्त रूप से निर्णय लेने लगे, तो यह मानवता के लिए भारी खतरा बन सकता है। यह स्थितियां विज्ञान-कथा फिल्म जैसी लग सकती हैं, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञ इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
कपलान ने कहा, “क्या होगा अगर ये सिस्टम गलत हाथों में पड़ गए? अगर ऐसा हुआ तो इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं।” उन्नत एआई का दुरुपयोग साइबर युद्ध, आर्थिक तबाही या सामाजिक अव्यवस्था का कारण बन सकता है।