
महिला आरक्षण बिल : केंद्र सरकार (Central Government) ने मंगलवार को नारी शक्ति वंदन (Nari Shakti Vandan) के नाम से महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश कर दिया है। आज संसद में इस पर चर्चा होगी। संसद में पारित करने के बाद जब यह देश भर में लागू होगा तब महाराष्ट्र में भी इस बिल का व्यापक असर देखने को मिलेगा। जब यह बिल पूरे तरीके से महाराष्ट्र में लागू होगा तो महाराष्ट्र (Maharashtra) की महिलाओं को इसका बखूबी लाभ मिलेगा और पूरे प्रदेश में 16 महिला सांसद और 94 महिला विधायक चुनी जा सकेंगी।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 2019 में 7 महिला सांसद चुनी गईं थीं। महाराष्ट्र में महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने वाले राज्यों में शामिल रहा है। यहां के नेता भी महिलाओं को परस्पर आगे बढ़ने का मौका देते रहे हैं। इसी वजह से ग्रामीण इलाकों में महिला कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज दिखाई देती है। हर राजनीतिक दल महिलाओं का अलग से संगठन बनाकर महिलाओं को राजनीति में आगे करने की चर्चा करता रहता है।
2019 में लोकसभा चुनाव की चर्चा करें तो 48 सीटों में से मात्र 7 सीटों में महिलाएं जीत हासिल करने में सफल रही हैं। उन सफल महिलाओं के नाम रक्षा निखिल खडसे, हिना गावित, नवनीत कौर, भावना गवली, भारती पवार, सुप्रिया सुले, पूनम महाजन हैं। इसी तरह से 288 सदस्यीय विधानसभा में देखा जाए, तो वहां सिर्फ 23 महिलाएं ही विधायक चुनी जा सकी हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीति में आरक्षण देने के मामले में महाराष्ट्र पहले से ही लीडर रहा है। लोकसभा और विधानसभा में भले ही अब जाकर इसका लाभ महिलाओं को मिला है, लेकिन राज्य में स्थानीय निकायों में 2011 में ही महिलाओं को 50% रिजर्वेशन दे दिया गया था।
इस तरह से देखा जाए तो महाराष्ट्र महिला सशक्तिकरण के लिए पहले से ही प्रयास रत रहा है। अब नए बिल के बाद उच्च स्तर पर महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। मोदी सरकार ने राजनीति में बड़े स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंगलवार को 128वां संविधान संशोधन बिल नारी शक्ति वंदन विधेयक के रूप में पेश किया है। इसके मुताबिक लोकसभा और राज्य के विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन अनिवार्य हो जाएगा। महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित कर दी जाएंगी। ऐसी स्थिति में उन सीटों पर केवल महिला ही चुनाव लड़ पाएंगी।






