नवभारत नागपुर डेस्क: मंगलावर को बप्पा के आने से पुरे महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि नागपुर शहर मेंइस साल 950 सार्वजनिक गणपति स्थापित किये गये हैं, लेकिन इन गणेश पंडालों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जी हां दरअसल इसमें से केवल 82 गणेश मंडलों ने ही महावितरण को बिजली कनेक्शन की अनुमति मांगी है।
इसके अब जानकारी सामने आ रही है कि अन्य 868 गणेश मंडलों में अवैध बिजली कनेक्शन है और बिजली चोरी के साथ-साथ सार्वजनिक सुरक्षा भी धोके में संभावना है, ऐसा महावितरण ने आशंका जताई है। आइए यहां जानते है इस बारे में विस्तार से जानकारी…
जैसा की हम सब जानते है गणेशोत्सव में आम नागरिक शामिल होते हैं, इसमें बूढ़े से लेकर बच्चे हर कोई आते है। सार्वजनिक निकायों को यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए कि भक्त बिना किसी अप्रिय घटना के गणेश उत्सव का आनंद ले सकें, ताकि उनकी खुशी खराब न हो। ऐसे में यह ध्यान रखना जरूरी है कि बिजली के तार और खंभों को न छुएं, इसमें करंट लगने जैसी भी स्थितियां आ सकती है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने महावितरण के अधिकार क्षेत्र के तहत सार्वजनिक त्योहारों के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन के लिए बिजली दरें तय की हैं। इतना ही नहीं बल्कि महावितरण की ओर से इसके लिए अनुमति लेने की अपील भी की गई है। नागपुर में पुलिस से मिली अनुमति के अनुसार शहर में 950 सार्वजनिक गणेश मंडल स्थापित गए है। आपको बता दें कि इसमें 187 बड़े मंडल हैं।
इसके बावजूद आपको बता दें कि महावितरण के कांग्रेस नगर में 42, सिविल लाइंस में 13, महल में 19, गांधीबाग में 5 और बुट्टीबोरी में 3 कुल 82 गणेश मंडलों ने बिजली कनेक्शन के लिए अनुमति ली है। ऐसे में अब महावितरण की ओर से यह जानकारी सीधे सामने आती है कि नागपुर के अन्य गणेश पंडाल बिजली कनेक्शन के लिए अमान्य है। 950 सार्वजनिक गणेश मंडल में से सिर्फ 82 गणेश मंडलों ने बिजली कनेक्शन के लिए अनुमति ली है।