प्रकाश पादुकोण (सौजन्य-एक्स)
पेरिस: पेरिस ओलंपिक के बैडमिंटन में लक्ष्य कांस्य मेडल से भी चूक गए। जिसके बाद कोच प्रकाश पादुकोण लक्ष्य से नाराज दिखे। उन्होंने खिलाड़ियों को अपने खेल के प्रति जवाबदेह होने की सख्त हिदायत भी दी।
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के प्ले ऑफ में लक्ष्य सेन के दबाव में आने से स्तब्ध पूर्व दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने सोमवार को कहा कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ी दबाव का सामना करना सीखें, जवाबदेह बनें और समर्थन मिलने के बाद परिणाम देना शुरू करें।
पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन पादुकोण ने कहा कि भारत को अपने खिलाड़ियों को मानसिक प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वे दबाव की स्थितियों का सामना करना सीख सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन की तरह एक प्रणाली होनी चाहिए जहां वे एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं हों और खिलाड़ियों को तैयार करने में सफल हों।
पादुकोण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सिर्फ एक खिलाड़ी से संतुष्ट नहीं रह सकते। हमें अगली पंक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, शायद तीसरी पंक्ति पर भी। जैसे क्रिकेट में करते हैं। आपके पास मुख्य टीम है, फिर ‘ए’ टीम, फिर अंडर-19 टीम, अंडर-17 टीम। इसलिए हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बहुत प्रतिभा है लेकिन एक संयुक्त प्रयास की ज़रूरत है।”
उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें खिलाड़ियों की ओर से भी थोड़ा प्रयास चाहिए। थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी, थोड़ी ज्यादा जवाबदेही। आपने जो मांगा एक बार जब आपको वह मिल जाता है तो आपको जवाबदेह भी होना चाहिए। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेना सीखना चाहिए।”
#WATCH | Paris, France: On Indian shuttler Lakshya Sen losing the bronze medal match to Malaysia's Zii Jia Lee in Badminton Men's singles at Paris Olympics, former Badminton player Prakash Padukone says, "He played well. I am a little disappointed as he could not finish it.… pic.twitter.com/BnaWQTHz0g — ANI (@ANI) August 5, 2024
लक्ष्य शुरुआती जीतने और दूसरे गेम में 8-3 की बढ़त बनाने के बावजूद 71 मिनट तक चले मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया से 21-13 16-21 11-21 से हार गए। पादुकोण ने कहा कि अल्मोड़ा के 22 वर्षीय खिलाड़ी को मानसिक प्रशिक्षण और खेल में सुधार दोनों की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब वह हवा के साथ खेल रहा हो तो उसे थोड़ा काम करने की जरूरत है। हर किसी को कोई ना कोई समस्या होती है लेकिन मुझे लगता है कि उसे दूसरों की तुलना में ज्यादा समस्या है। अगर आपने पहला गेम देखा है तो मलेशियाई खिलाड़ी ने बहुत शॉट खेले जो बाहर गए। आप नियंत्रण नहीं कर पाए इसलिए ऐसा होता है लेकिन आपको नियंत्रण करना सीखना चाहिए और कम गलतियां करनी चाहिए।”
पादुकोण ने कहा, ‘‘गलतियां होंगी, हर कोई हवा के खिलाफ खेलने में सहज है क्योंकि आप बिना किसी हिचकिचाहट के खुलकर खेल सकते हैं लेकिन लक्ष्य को शायद दोनों की जरूरत है। थोड़ी सी मानसिक ट्रेनिंग और मानसिक ट्रेनिंग पर ध्यान देने के साथ-साथ थोड़ा अभ्यास और थोड़ा बेहतर नियंत्रण, उसे कोर्ट पर भी काम करने की जरूरत है।”
पादुकोण का मानना है कि दबाव लक्ष्य पर हावी हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘एक बात बहुत स्पष्ट है, हमें मानसिक ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हम खेल मनोविज्ञान पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण है।”
पादुकोण ने कहा, ‘‘ओलंपिक में यदि आपने देखा है कि बहुत से शीर्ष खिलाड़ी हार गए हैं तो ऐसा इसलिए नहीं कि वे तकनीकी या शारीरिक रूप से अच्छे नहीं थे बल्कि इसलिए कि वे दबाव को नहीं झेल पाए। ओलंपिक में दबाव को झेलना ही सब कुछ है, इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने दिमाग पर अधिक ध्यान दें, ध्यान करें, योग करें।”
यह भी पढ़ें- निशा को जानबूझकर किया चोटिल, कोच वीरेंद्र ने लगाया आरोप, विनेश के सामने युई सुसाकी की बड़ी चुनौती
पादुकोण को लगता है कि निशानेबाज मनु भाकर शायद इसलिए अच्छा प्रदर्शन कर पाईं क्योंकि उन पर दबाव नहीं था। पादुकोण ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत विदेश से खेल मनोवैज्ञानिकों को लाए।
उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हमारे पास विदेशी खेल मनोवैज्ञानिक भी हों। इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय खेल मनोवैज्ञानिकों से कुछ छीना जाए। उनमें से कुछ अच्छे हैं लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ियों को भी खेल मनोविज्ञान के महत्व का अहसास हो।”
यह भी पढ़ें- चोट के बावजूद आखिरी तक लड़ती रहीं निशा, नहीं बना पाई क्वार्टर फाइनल में जगह, रेपेचेज में आखिरी मौका
पादुकोण इस बात से सहमत नहीं थे कि भारतीय बैडमिंटन को टेनिस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक बड़ा शून्य है और कोई भी लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा की जगह लेने की स्थिति में नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)